80 से अधिक गांवों में दो रुपये में उठेगा कूड़ा, कूड़ा बनेगा रोजगार का साधन




मेरठ।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब गांवों से निकलने वाले कूड़े के न केवल निस्तारण की दिशा में काम कर रही है बल्कि गांव से निकलने वाले कूड़े से रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में भी काम कर रही है। इस प्रयास के रिजल्ट काफी अच्छे सामने आ रहे हैं, ग्रामीण भी इसके प्रति जागरूक दिखायी देने लगे हैं।

ग्रामीण इलाकों से निकलने वाला कूड़ा, जो कभी ग्राम पंचायतों के लिए सिरदर्द रहता था, योगी सरकार में अब वह रोजगार का जरिया बनेगा। ग्रामीण इलाकों में घरों से निकलने वाला कूड़ा उठाने के लिए ग्राम पंचायत यूजर चार्ज निर्धारित कर रही है। इनकी वसूली के लिए स्वयं सहायता समूह का योगदान लिया जा रहा। जिसके बदले उन्हें मानदेय दिया जाएगा। यानी इस कूड़े से निजात तो मिल ही गई साथ में रोज़गार भी मिल गया।

पहले चरण में 10 गांव मुहिम में हुए शामिल
मेरठ के 80 से ज्यादा गांव को इससे जोड़ा जा रहा है। भटीपुरा, कुशावली, मोहिउद्दीनपुर सहित 10 गांवों में इस पर काम भी शुरू हो गया है। ग्राम पंचायतों ने घरों के कूड़े और अन्य कूड़े का रेट भी तय कर दिया है। ग्रामीणों को अब अपने घरों का कूड़ा सड़क या मैदान मे नहीं फेंकना होगा, बल्कि ग्राम पंचायत द्वारा कूड़ा उठाने के लिए चलाए जा रहे ई-रिक्शा में डालना है। इसमें गीला कूड़ा डालने की व्यवस्था अलग है और सूखा कूड़ा डालने की व्यवस्था अलग की गई है।

कूड़े को खाद और वेस्ट टू एनर्जी में किया जा रहा तब्दील
कूड़ा कलेक्ट करने के बाद ई रिक्शा चालक ग्राम पंचायत द्वारा बनाए गए एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र पर पहुंचते हैं। यहां गीले-सूखे कूड़े को अलग-अलग डाला जाता है। गीले कूड़े को खाद बनाने के लिए गड्ढों में डाला जाता है। सूखे कूड़े को पृथक्करण करने के बाद वेस्ट टू एनर्जी में तब्दील किया जा सके, इसके लिए कई कंपनियों से वार्ता चल रही है।

सार्वजनिक स्थलों पर बने प्लास्टिक बैंक
योगी सरकार के निर्देश के बाद तमाम सार्वजनिक स्थलों पर प्लास्टिक बैंक की भी स्थापना की गई है, ताकि प्लास्टिक या इससे जुड़ी चीजें खुले में न डालकर इसमें डाला जाए। दुष्प्रभाव से बचाने के लिए प्लास्टिक बैंक की स्थापना कराई है, जिससे सभी लोग इस बैंक में प्लास्टिक डाल सकें। ग्राम पंचायत ने इस प्लास्टिक के निस्तारण के लिए कबाड़ियों से एमओयू भी कर लिया है। प्लास्टिक के बदले भी ग्राम पंचायत को आर्थिक लाभ तो मिल ही रहा है, साथ ही जनता के स्वास्थ्य का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है।

ग्रामीण इलाकों में निकाली जा रही है जागरूकता रैली
जिला पंचायती राज अधिकारी रेनू श्रीवास्तव ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में जागरूकता रैली निकालकर लोगों को मुहिम से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि सभी ग्राम पंचायतों में कूड़ा उठाने के लिए प्रत्येक घर से 2 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से यूजर चार्ज लिए जा रहे हैं, जबकि डेरी या बाजार से निकलने वाले कूड़े के रेट उसके हिसाब से तय किए जा रहे हैं। स्वयं सहायता समूह घर घर जाकर लोगों को डस्टबिन वितरित कर रहे हैं। इनमें गीले व सूखे कूड़े अलग-अलग दिए जा रहे हैं। इसके बाद 60 रुपये प्रति माह प्रत्येक घर से यूजर चार्ज भी लिया जा रहा है। योगी सरकार की इस मुहिम से ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता और सौंदर्यता के साथ साथ आर्थिक लाभ भी मिल रहा है।



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