पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का प्रस्ताव: चार धाम यात्रा शुरू करें सरकार, तीरथ सरकार ने किया खारिज





नवीन चौहान
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चार धाम यात्रा शुरू करने का प्रस्ताव रखते हुए प्रदेश सरकार को पत्र भेजा। इस पत्र को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की सरकार ने तत्काल खारिज कर दिया। सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि चारधाम यात्रा के संबंध में सरकार पहले ही विचार कर चुकी है। वैक्सीनेट हो चुके लोग कोरोना संक्रमण के लिहाज से भले सेफ जोन में हों, लेकिन वायरस के लिए वो कैरियर का काम कर सकते हैं
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी पड़ चुकी है। अब सरकार को इंटरस्टेट चारधाम यात्रा शुरू कर देनी चाहिए। उत्तराखंड की आ​आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए उन्होंने इसे जरूरी बताया। जिन लोगों को वैक्सीन की डबल डोज लग चुकी है। उनको चारधाम यात्रा पर जाने की इजाजत मिलनी चाहिए। लेकिन, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के प्रस्ताव को तीरथ सरकार ने चंद मिनटों में ही खारिज कर दिया।
प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने तर्क दिया कि वैक्सीनेशन करा चुके लोग कोरोना संक्रमित होकर दूसरों के लिए खतरा बन सकते हैं। इसलिए यह उचित नहीं है कि वैक्सीन लगा चुके लोगों को चार धाम यात्रा की परमिशन दे दी जाए। वही दूसरी ओर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी कोविड कर्फ्यू समाप्त होने और कोरोना संक्रमण की रप्तार धीमी पड़ने पर स्थानीय लोगों के लिए चारधाम यात्रा खोलने पर विचार करने की बात कह चुके हैं। चारधाम यात्रा से हजारों लोगों का रोजगार सीधे तौर पर जुड़ा है। कोविड 19 के चलते गत वर्ष से चार धाम यात्रा स्थगित होती चली आ रही है। इसके कारण, होटल चलाने वाले से लेकर खोखे-खोमचे और वाहन स्वामियों के कारोबार पर प्रतिकूल असर पड़ा है। सभी लोग सरकार से लगातार राहत पैकेज की मांग उठा रहे हैं।पूर्व मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद यात्रा खोलने से लेकर प्रभावितों को राहत पैकेज देने की मांग को लेकर सरकार पर दबाव और बढ़ सकता है।
दूसरी ओर, चारधाम यात्रा से जुड़े कारोबारियों को अब कोई ज्यादा उम्मीद नहीं है. दरअसल यात्रा का पीक अप्रैल और मई महीना को माना जाता है. इन दोनों महीने तो कोरोना संक्रमण के कारण यात्रा बंद रही. अब 15 जून से मॉनसून काल शुरू हो जाता है. बारिश होने से लैंडस्लाइड की घटनाएं बढ़ जाती हैं, सड़कें बंद हो जाने के कारण चारधाम यात्रा वैसे भी ठप रहती है. इस साल अब सिर्फ अक्टूबर और नवंबर दो महीने ही ऐसे हैं, जब चारधाम यात्रा संचालित हो सकती है. नवंबर अंत होते-होते चारधाम के कपाट बंद होने शुरू हो जाते हैं.



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *