प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में ईआरपी व्यवस्था होगी लागू: डॉ. ओंकार सिंह




  • वर्तमान सत्र से विश्वविद्यालय में लागू होगी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
  • अभिलेखों को डिजीलॉकर में संरक्षित किये जाने की व्यवस्था पर कार्य
  • विश्वविद्यालय में सभी कार्य होंगे डिजिटलाइज्ड़
  • प्रत्येक कार्यों की समयबद्धता व पारदर्शिता होगी सुनिश्चित

नवीन चौहान.
वीर माधो सिंह भण्डारी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (यू0टी0यू0) के सभागार में नव नियुक्त कुलपति डॉ0 ओंकार सिंह की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय से सम्बद्ध सभी राजकीय एवं निजी संस्थानों के अध्यक्ष एवं निदेशकों के साथ विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा हुई।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव आर0 पी0 गुप्ता द्वारा उपरोक्त बिन्दुओं पर प्रस्तुतीकरण प्रस्तुत किया गया। बैठक में संबंधित बिन्दुओं पर संस्थानों की समस्याएं एवं विश्वविद्यालय की भविष्य की योजनाओं भी चर्चा की गई।

इन बिन्दुओं पर हुई चर्चा

  1. शैक्षिक सत्र 2022-23 हेतु सम्बद्धता पोर्टल पर ऑनलाईन अपलोड करने की स्थिति तथा राजभवन भेजे जाने वाले प्रस्तावों पर परिचर्चा।
  2. शैक्षिक सत्र 2022-23 में विश्वविद्यालय काउंसिलिंग पर परिचर्चा।
  3. शैक्षिक सत्र 2022-23 में छात्र-छात्राओं के प्रवेश पर परिचर्चा।
  4. शैक्षणिक कलेण्डर 2022-23 पर परिचर्चा।
  5. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन पर परिचर्चा।
  6. NBA, NAAC Accreditation इत्यादि पर परिचर्चा।
  7. Revamp in Technical Education विषय पर परिचर्चा।

कुलपति डॉ0 ओंकार सिंह द्वारा प्रदेश में तकनीकी क्षेत्र में नये आयाम स्थापित करने हेतु विश्वविद्यालय तथा सम्बद्ध संस्थानों में निम्न कार्य किये जाने को निर्देशित किया गया।

1.वर्तमान सत्र 2022-23 से विश्वविद्यालय के सभी सम्बद्ध संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू की जायेगी जिससे रोजगार व स्वरोजगार प्राप्ति के अवसरों में वृद्धि होगी।
2.विद्यार्थियों से संबंधित सभी अभिलेखों को डिजीलॉकर में संरक्षित किये जाने की व्यवस्था की जायेगी एवं ई0आर0पी0 व्यवस्था लागू कर सभी कार्यों को डिजिटिलाईज्ड़ किया जायेगा जिससे प्रत्येक कार्यों की समयबद्धता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।
3.संस्थानों द्वारा एन0बी0ए0 व नैक मान्यता प्राप्त करने के लिये तैयारी करने की कार्यवाही की जायेगी एवं विश्वविद्यालय इस संबंध में संस्थानों को पूर्ण सहयोग प्रदान करेगा।
4.टीचिंग-लर्निंग प्रोसेस को सुदृढ़ किया जायेगा।
5.परीक्षा कार्यों में सम्पूर्ण पारदर्शिता लाने के साथ-साथ अंतिम सेमेस्टर के सभी छात्र-छात्राओं की मूल्यांकन की गई उत्तर पुस्तिकाओं को स्कैन कर परीक्षाफल घोषणा से पूर्व सीमित समय अवधि हेतु विश्वविद्यालय के पोर्टल पर अपलोड़ किये जाने के प्रयास किये जायेंगे।
6.संस्थानों को सामाजिक क्षेत्रों में तकनीकी एवं प्रौद्योगिकी का उपयोग कर क्षेत्रीय समस्याओं का समाधान करने के साथ-साथ अपने क्षेत्र से संबंधित समस्याओं के निदान हेतु प्रयास करने एवं कम से कम एक-एक Sustainable Development Goal पर संस्थान कार्य करेंगे। इस हेतु संस्थानों को स्नातक पाठ्यक्रमों में छात्रों के प्रोजेक्ट को सामुदायिक उपयोगिता के अनुसार कराये जाने की अपेक्षा की गई।
7.संस्थानों को Indusrty 5.0 के सिद्धान्तों पर अग्रसर होने की तैयारी हेतु आव्हान किया गया।
बैठक में विश्वविद्यालय के कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक, वित्त नियंत्रक ने भी प्रतिभाग किया।



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