संजीव शर्मा.
विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारी में सभी राजनीतिक दल जुट गए हैं। बसपा ने भी अपनी रणनीति के तहत काम शुरू कर दिया है। इस बार बसपा ब्राहमण समाज की वोटों के सहारे चुनाव जीतने की तैयारी में दिखायी दे रही है। यही कारण है कि बसपा ने यूपी में ब्राहमण सम्मेलन आयोजित किये हैं। इसकी शुरूआत 23 जुलाई को अयोध्या से होगी।
राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो इस बार बसपा ब्राह्मण वोटों के सहारे 2022 के चुनाव में खोई पहचान पाने की जुगत में है। इसी कड़ी में 23 जुलाई को बसपा अयोध्या में ब्राह्मण सम्मेलन करने जा रही है। सम्मेलन के पहले बसपा से पूर्व मंत्री नकुल दुबे ने एलान किया कि पार्टी बिकरु कांड में आरोपी खुशी दुबे की रिहाई की लड़ाई लड़ेगी। बसपा के महासचिव सतीश मिश्र लड़ेंगे खुशी दुबे का केस। बतादें खुशी दूबे यूपी के कुख्यात विकास दूबे के भतीजे अमर की पत्नी है। विकास दूबे ने अपने गांव में दबिश के दौरान पुलिस वालों की हत्या कर दी थी। बाद में पुलिस जब उसे गिरफ्तार कर यूपी ला रही थी, तब उसने रास्ते से भागने की कोशिश की थी, जिसमें वह पुलिस के साथ मुठभेड़ के दौरान मारा गया था।
खुशी दूबे का केस लड़ने की घोषणा के बाद माना जा रहा है कि बसपा पूर्वाचंल में ब्राहमण समाज की वोटों को साधने की तैयारी में है। खुशी का केस लड़कर वह समाज की वोटों को साधने की ओर कदम बढ़ा रही है। अब देखना यही है कि अभी तक ब्राहमण समाज की वोटों से दूरी बनाने वाली पार्टी कितना कामयाब होती है।