डीएम सी रविशंकर और एसएसपी सेंथिल अबुदई के कुशल नेतृत्व से किसान गुटों को मनाने में रहे कामयाब




नवीन चौहान
हरिद्वार जिला प्रशासन और पुलिस की पहल और सूझबूझ से हरिद्वार में सक्रिय किसान संगठनों के सभी गुटों ने 26 जनवरी को दिल्ली में किसान आंदोलन में समर्थन देने जाने से खुद को रोक लिया। जिलाधिकारी सी रविशंकर और एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस के कुशल प्रशासनिक नेतृत्व के चलते किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से बातचीत के बाद उनको मनाने में सफलता पाई गई। हरिद्वार पुलिस की भूमिका सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण रही। पुलिस अधिकारी हरिद्वार के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करने पहुंचे। सभी से चर्चा करने के बाद उनको दिल्ली जाने से रोकने में सफलता पाई। पुलिस और प्रशासन के लिए राहत की बात रही।
दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर 26 जनवरी को देशभर से तमाम किसान संगठनों के तमाम प्रतिनिधि भारी संख्या में दिल्ली पहुंचने को लेकर तैयारियां जोर शोर से चल रही थी। हरिद्वार जनपद के किसान संगठन भी दिल्ली जाने की तैयारी कर रहे थे। 26 जनवरी को लेकर किसान संगठन के प्रतिनिधि दिल्ली जाने को लेकर किसानों से संपर्क कर रहे थे। जब इस बात की जानकारी हरिद्वार प्रशासन को लगी तो पुलिस और प्रशासन मुस्तैद हो गया। जिलाधिकारी सी रविशंकर और सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने किसान संगठनों को मनाने की रणनीति बनाई। जिसके बाद जनपद पुलिस सक्रिय हो गई। पुलिस अधिकारियों ने अपने-अपने थाना क्षेत्रों के किसान संगठनों से मिलकर बातचीत की। जिसके बाद सभी ने दिल्ली जाने का विचार बदल दिया। पुलिस की सजगता और मुस्तैदी ने किसान संगठनों को मनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बताते चले कि हरिद्वार में सक्रिय किसान संगठनों में भारतीय किसान यूनियन अंबाबत गुट, भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट, भारतीय किसान मोर्चा, भारतीय किसान यूनियन तोमर गुट भारतीय किसान यूनियन बेदी गुट, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के अलावा तमाम छोटे संगठन भी सक्रिय है। हालांकि इससे पूर्व एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस के निर्देशों के बाद 23 जनवरी को देहरादून जाने से रोकने में पुलिस कामयाब रही थी।



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