DPS: कार्यशाला में दूसरे दिन विषय विशेषज्ञों ने दी महत्वपूर्ण जानकारी




न्यूज 127.
दिल्ली पब्लिक स्कूल रानीपुर में सीबीएसई सीईओ देहरादून के तत्वावधान में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा, पर त्रि-दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन विषय विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण जानकारी कार्यशाला में प्रतिभाग कर रहे शिक्षक शिक्षिकाओं को दी।

डी.पी.एस. रानीपुर, हरिद्वार में सीबीएसई सीईओ देहरादून के तत्वावधान में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा, पर तीन दिवसीय (दिनांक 27 जून, 2024 से 29, जून, 2024) कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। आज दूसरे दिन की कार्यशाला में डी.पी.एस. रानीपुर के 113 से अधिक अध्यापकों ने कार्यशाला में प्रतिभाग किया। विषय विशेषज्ञ के रूप में ‘भारतीय शिक्षा बोर्ड, हरिद्वार में गुरुकुल शिक्षा एवं छात्र कल्याण की अंतरिम निदेशक वंदना पांडे और ‘द हेजल मून स्कूल, चाँदपुर के उपप्रधानाचार्य अभिनव चौधरी उपस्थित थे।

कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। तत्पश्चात प्रधानाचार्य डी.पी.एस. रानीपुर, हरिद्वार डॉ. अनुपम जग्गा ने दोनों विशेषज्ञों को पुष्पगुच्छ प्रदान किए व कार्यशाला की जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा आज की आवश्यकता है जो व्यावसायिक विकास के महत्त्व को पहचानता है और इसका उद्देश्य शिक्षकों को छात्रों में समालोचनात्मक, तार्किक सोच और समस्या-समाधन कौशल के विकास में मदद करना है, ताकि वे भविष्य की सम्भावनाओं के लिए तैयार हो सकें।

कार्यशाला के द्वितीय दिन के आयोजन को चार चरणों में विभाजित किया गया। जिसमें राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा के महत्त्व के साथ-साथ उसके मार्गदर्शक सिद्धांत ‘पंचकोश विकास’ व ‘पंचादि विकास’ के विषय में विभिन्न गतिविधियों जैसे- कहानी मंचन, संगीत, अभिनय आदि द्वारा समझाया गया। सीखने की प्रक्रिया को पाँच भागों – अदिति, बोध, अभ्यास, प्रयोग एवं प्रसार में विभाजित कर समूह चर्चा, विभिन्न वीडियो और पीपीटी प्रस्तुति के आधार पर सभी को परिचित करवाया।

उन्होंने कक्षा में बहु-भाषिकता के महत्त्व पर भी जोर दिया। विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों के सीखने के लिए एक सार्थक वातावरण बनाने और व्यावहारिक गतिविधियों पर जोर देते हुए सीखने को आनंदमय और रुचिपूर्ण बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

प्रश्नोत्तरी एवं फीडबैक प्रक्रिया के साथ द्वितीय दिवस कार्यशाला सम्पन्न हुई। सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने उत्साहपूर्वक कार्यशाला में भाग लिया और इसे सफल बनाने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। यह त्रि-दिवसीय कार्यशाला 29 जून 2024 तक जारी रहेगी।



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