डीएम सी रविशंकर ग्रामीणों से बोले मुझे नाम नही समस्या चाहिए तत्काल होगा समाधान




डीएम सी रविशंकर का पायलेट प्रोजेक्ट लालढांग, सरकार जनता के द्वार
डीएम सी रविशंकर ने हरिद्वार के तमाम प्रशासनिक अधिकारियों को दिया अल्टीमेटम
नवीन चौहान
डीएम सी रविशंकर ने हरिद्वार के तमाम प्रशासनिक अधिकारियों को अल्टीमेटम ​दे दिया है। इसी के साथ उन्होंने ​अति पिछड़े क्षेत्र लालढांग का उत्थान करने के लिए पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर कार्य शुरू कर दिया है। उन्होंने करीब छह घंटे तक ग्रामीणों के बीच बैठकर तमाम छोटी—छोटी समस्याओं को बड़े ध्यान से सुनने के बाद डायरी में नोट किया। डीएम ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को ग्रामीणों की समस्याओं को दूर करने के लिए निर्धारित वक्त दिया। उन्होंने सभी ग्रामीणों के राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र व तमाम जरूरी दस्तावेजों को गांव में ही शिविर लगाकर बनाने के निर्देश दिए। चरित्र प्रमाण पत्र व हैसियत प्रमाण पत्र ग्रामीणों की आवश्यकतानुसार बनाए जायेंगे। सभी विभागों के अधिकारियों को कार्यो की प्रगति रिपोर्ट 15 दिनों के अंदर प्रस्तुत करने के आदेश दिए। 20 हजार की आबादी वाले इन सात गांवों के ग्रामीणों के अच्छे दिनों की शुरूआत हो गई है। वही दूसरी ओर डीएम सी रविशंकर ने लालढांग क्षेत्र के ग्रामीणों को स्वावलंबी बनाने में तीन सालों से कार्य कर रही रैबार एनजीओ की संचालिका श्रुति लखेड़ा के सभी उत्पादों का गहनता से निरीक्षण किया और क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने के लिए उनसे सुझाव लिए। कौशल विकास व स्वरोजगार योजनाएं लागू की जायेगी।
मंगलवार को जिलाधिकारी सी रविशंकर प्रशासनिक अधिकारियों की टीम को लेकर लालढांग क्षेत्र का निरीक्षण करने पहुंचे। वहां पर उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया। वहां की तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया। जिसके बाद जिलाधिकारी सी रविशंकर रैबार समिति की संचालिका श्रुति लखेड़ा के सेंटर पहुंचे। वहां उन्होंने श्रुति के किए गए तमाम कार्यो की जानकारी ली और उनकी संस्था द्वारा बनाए गए सभी हस्तशिल्प उत्पादों का बारीकी से निरीक्षण किया। श्रुति विगत तीन सालों से लालढांग क्षेत्र में ग्रामीण महिलाओं और आदिवासी लोगों को स्वावलंबी बनाने का कार्य कर रही है। जिलाधिकारी ने श्रुति लखेड़ा द्वारा किए जाने वाले कार्यो की प्रशंसा की ओर उनको हरसंभव सहयोग देने का भरोसा दिया। जिसके बाद जिलाधिकारी सी रविशंकर ने वही पर ग्रामीणों की समस्याओं को सुना। ग्रामीणों ने अपना नाम बताना शुरू किया तो डीएम ने बोला कि मुझे नाम नही समस्या बताओ। ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं का क्रम शुरू किया तो जिलाधिकारी ने पूरे धैर्य के साथ उनकी बातों को सुना। जिसके बाद क्रमश: सभी समस्याओं के निस्तारण के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को वक्त ​निर्धारित करते हुए समय सीमा में बांध दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी कार्य तय वक्त में होने चाहिए। 15 दिनों में कार्यो की समीक्षा की जायेगी। अधिकतम दो महीनों के भीतर सभी समस्याओं का निस्तारण हो जाना चाहिए। तहसीलदार आशीष घिल्डियाल को निर्देशित किया कि सात गांव की 20 हजार की आबादी में सभी के जरूरी दस्तावेज गांव में ही बनाए जाए। आयुष्मान कार्ड के लिए 15 दिनों का वक्त निर्धारित किया। ग्रामीणों की बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए हेल्प लाइन नंबर शुरू करने के आदेश दिए। टैलीमेडिसन की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एसएन झा, तहसीलदार आशीष घिल्डियाल, सीडीपीओ वर्षा शर्मा, जिला उद्योग से अंजलि रावत, एपीडी डीआरडीए नलनी घिल्डियाल, जिला समाज कल्याण अधिकारी नरेंद्र यादव व पटवारी आदि मौजूद थे।



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