कोरोना संकट: हरिद्वार के व्यापारियों ने की राहत पैकेज की मांग




नवीन चौहान.
प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच बाजारों को दोपहर में ही बंद किये जाने से हरिद्वार के व्यापारी खासे नाराज हैं। व्यापारियों ने बिना विश्वास में लिए बाजार बंदी पर रोष जताया है। व्यापारियों ने कहा कि यदि सरकार को लाॅकडाउन लगाना है तो व्यापारियों के लिए राहत पैकेज जारी करें। जिससे पहले से ही कठिन आर्थिक हालातों का सामना कर रहे व्यापारियों को कुछ राहत मिल सके।

बाजार बंद किए जाने के निर्णय पर हुई व्यापारियों की बैठक को संबोधित करते हुए महानगर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सुनील सेठी एवं प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिला महामंत्री संजय त्रिवाल ने कहा कि व्यापारियों को विश्वास में लिए बिना बाजार बंदी का सरकार का निर्णय व्यापारियों के हितों पर कुठाराघात है।
वक्ताओं ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री अपने संबोधन में लाॅकडाउन न लगाने, आर्थिक स्थिति प्रभावित न होने की बात करते हैं। दूसरी तरफ उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री बार बार बाजारों की समय सीमा में बदलाव कर दुकानें बंद होने के आदेश जारी कर व्यापारियों के हितों पर कुठाराघात कर रहे है। सवाल उठाते हुए कहा कि क्या कोरोना व्यापारियों से ही फैलता है। जगह जगह चुनावी रैलियों, बैठकों में भारी भीड़ पर कोई कार्यवाही नही की जा रही है। लेकिन आर्थिक रूप से टूट चुके व्यापारियों के बारे में नहीं सोचा जा रहा है।
सरकार ने पहले कुंभ में बंदिशें लगाकर व्यापार चौपट किया अब बाजार बंदी कर व्यापारियो को आत्महत्या करने पर मजबूर किया जा रहा है। व्यापारियों ने कहा कि यदि सरकार को लाॅकडाउन लगाना है तो व्यापारियों के लिए राहत पैकेज जारी करें। कहाकि सरकार को प्रत्येक व्यापारी को 2 लाख रुपये, राशन, बिजली, पानी के बिल व स्कूलों की फीस माफ कर राहत देनी चाहिए। जिससे पहले से ही कठिन आर्थिक हालातों का सामना कर रहे व्यापारियों को कुछ राहत मिल सके। बैठक में रोष जताने वालो में मुख्य रूप से विकास तंत्रिवाल, मोहनदास गोस्वामी, धर्मपाल खिलन, अजय रावल, गगन गुगनानी, अंकुर सक्सेना, राजेश अग्रवाल, ऋषभ गोयल, गोपालदास, संजीव सक्सेना, राजीव सक्सेना, सूरज कुमार, सुरेश शाह, राजेश खन्ना, सुनील कुमार, बिट्टू शाही, विनय सिंघल, अंकुर शर्मा आदि सहित कई व्यापारी शामिल रहे।



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