नवीन चौहान.
उत्तराखंड में स्कूल खोलने की तैयारी शुरू हो गई। कुछ बड़ी कक्षाओं अर्थात 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं को शुरू भी कर दिया गया है। लेकिन स्कूल खुलने के नाम से ही छोटे बच्चे रोने लगे है। बच्चों को मोबाइल पर खेलने की लत जो लग चुकी है।
जी हां कोरोना संक्रमण के बाद से आन लाइन पढ़ने की आदत ने बच्चों को मोबाइल की लत लगा दी है। बच्चे अधिकतम वक्त मोबाइल में वीडियो बनाने और खेलने में गुजारते है। करीब डेढ़ साल से घरों में कैद बच्चों के मनारंजन का एक मात्र सहारा टीवी ही था। बच्चे अब टीवी छोड़कर मोबाइल से चिपक गए है। अपने साथियों से व्हाटसएप पर चेटिंग करना और बतियाने की लत जो पड़ चुकी है।
वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड सरकार की बात करें तो स्कूल खोलने को लेकर सरकार अभी पशोपेश में है।
उत्तराखंड सरकार ने दो अगस्त से 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं को शुरू करने के आदेश दिए थे। हालांकि पहले यह आदेश छठी कक्षाओं से था। जिसके बाद सरकार ने निर्णय में कुछ बदलाव किया।
स्कूल खुले तो कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की संभावनाओं को देखते हुए जनहित याचिका दायर दी गई। याचिका पर सरकार का पक्ष 18 अगस्त को दाखिल होगा। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि कोर्ट ने जिन मामलों को जबाव मांगा है। सरकार उसका जवाब कोर्ट में रख देगी।कोर्ट का जो आदेश होगा, उसका पालन किया जायेगा। कोरोना की तीसरी लहर की आहट सुनाई देगी तो स्कूलों को बंद कर दिया जायेगा। सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बच्चों के जीवन को सुरक्षित बचाकर रखना है।
वहीं दूसरी ओर अभिभावकों की बात करें तो बच्चे स्कूल जाने के नाम से ही रोने लगते है। अभिभावक निशा ने बताया कि उनका बेटा स्कूल जाने के नाम पर रोने लगता है। उसको घर में रहने की आदत जो पड़ गई है। देर से उठना और मोबाइल में खेलने की मानसिक बीमारी घर कर चुकी है।