मुख्यमंत्री ने ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायतों को दी 93.32 करोड़ की धनराशि




नवीन चौहान.
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों को डिजिटल माध्यम से 93.32 करोड़ की धनराशि हस्तान्तरित की।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना डिजिटल इंडिया प्रोग्राम का उद्देश्य सरकारी सेवाओं की जानकारी जन सामान्य को ऑनलाईन पहुंचाने हेतु ग्राम पंचायत स्तर पर ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देना है। इसका उद्देश्य सभी ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबेण्ड इंटरनेट से जोडना है, इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु उत्तराखण्ड में पंचायतीराज विभाग द्वारा सभी ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों के बैंक खातों को पंचायतीराज, भारत सरकार द्वारा लागू ई-ग्राम स्वराज पोर्टल से जोड़ा गया है। ई-ग्राम स्वराज पोर्टल के तहत सभी त्रिस्तरीय पंचायतों को अपनी कार्य योजना (ग्राम पंचायत विकास योजना) इसी पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य किया गया है।
इसी पोर्टल के अनुरूप जिओ टैगिंग व अन्य कार्य सम्पादित करने होंगे। साथ ही सम्पादित कार्यो का भुगतान इसी पोर्टल के माध्यम से पी.एफ.एम.एस. से किया जाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रक्रिया से जहॉ एक ओर राजकीय कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी वहीं पंचायत के निवासी, जो पंचायत से बाहर अन्यत्र रहते हों, अपने मोबाईल अथवा किसी भी अन्य डिवाइस पर इस पोर्टल के माध्यम से पंचायत को केन्द्रीय वित्त एवं राज्य वित्त तथा अन्य श्रोतों से प्राप्त धनराशि तथा पंचायत में कराये जा रहे विकास कार्यों की प्रगति के साथ-साथ अन्य जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
इसी डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत राज्य वित्त आयोग द्वारा पंचायतों हेतु संस्तुत अनुदानों को ऑनलाईन एक साथ डिजिटल हस्तान्तरण के माध्यम से सम्बन्धित पंचायतों को हस्तान्तरित करने की शुरूआत की गयी है। इस महत्वाकांक्षी योजना के अन्तर्गत चतुर्थ राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियों के क्रम में राज्य की त्रिस्तरीय पंचायतों हेतु वित्तीय वर्ष 2020-21 की माह अक्टूबर, नवम्बर, दिसम्बर, 2020 की मासिक ग्रान्ट कुल धनराशि रू 93.3153 करोड़ का हस्तान्तरण किया गया है। जिसमें ग्राम पंचायत को 28.9536, क्षेत्र पंचायत को 21.7134 तथा जिला पंचायत को 42.6483 की धनराशि शामिल है। इस अवसर पर पंचायतीराज निदेशक एच.सी. सेमवाल आदि उपस्थित थे।



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