नवीन चौहान
श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति डा पीताम्बर प्रसाद ध्यानी द्वारा स्वयं अपना व विश्वविद्यालय में कार्यरत समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों का वेतन अग्रिम आदेश तक आहरण न करने के निर्देश पारित किए। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय में माह सितम्बर, 2019 में लगभग 37 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की गयी थी किंतु विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा हटाएं गए कुछ कर्मचारियों का वेतन भुगतान, जिन पर विश्वविद्यालय की कोई देयता नहीं है, का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। और न ही उन कर्मचारियों, जिन पर विश्वविद्यालय की देयता है, को लिखित में वेतन भुगतान न करने का कारण से अवगत कराया गया। इस पर कुलपति ने गहरा असंतोष प्रकट किया।
कुलपति द्वारा प्र0 कुलसचिव को तत्काल निर्देश दिए गए कि पूर्व में हटाए गए कर्मचारियों जिन पर देयता नहीं है, उनका वेतन भुगतान 02 दिन के अंतराल में किया जाए। और जिन कर्मचारियों पर विश्वविद्यालय की देयता है, उन्हें पत्र से आज ही अवगत कराया जाय और शीघ्रतीशीघ्र आपत्तियों का निराकरण करवाकर तत्काल सम्बन्धितों का भी वेतन आहरण किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी कहा कि यदि हमको, जो विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं, वेतन न मिले तो हम पर क्या प्रतिकूल प्रभाव पडेगा, क्या कभी विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने इस बात पर मनन किया। इसलिए कुलपति ने कुलसचिव प्र0 को लिखित आदेश दिया कि जब तक पूर्व कर्मचारियों जिन पर देयता नहीं है, का वेतन आहरित नहीं किया जाता और जब तक अन्यों को पत्र निर्गत न हो जाए, तब तक विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारियों, कर्मचारियों और स्वयं उनका वेतन विश्वविद्यालय द्वारा आहरित नही किया जाएगा।
श्रीदेव विश्वविद्यालय के कुलपति एक्शन मोड में, स्वयं के साथ समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों का रोका वेतन
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