नवीन चौहान
भाजयुमो नेता हरजीत सिंह को पटवारी ने क्लीन चिट दी थी। पटवारी ने विवादित स्थल की जांच करने के बाद उक्त रिपोर्ट को तैयार किया था। जबकि उक्त संपत्ति की पूर्व मालकिन ऋचा खुराना ने हरजीत और उनके पिता पर संपत्ति को कब्जाने का संगीन आरोप लगाकर सनसनी मचा दी थी। ऐसे में ऋचा खुराना के खुद को पीडि़त बताकर आरोप लगाने की वजह साफ नही है।
देहरादून के ऋषिकेश आईडीपीएल निवासी ऋचा खुराना पुत्री कमल प्रकाश खुराना ने मंगलवार को प्रेस वार्ता कर भाजयुमो नेता हरजीत सिंह और उसके पिता दर्शन सिंह पर 150 फुट जमीन पर जबरन कब्जा करने की नीयत से उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। ऋचा के आरोप थे उसकी पैतृक संपत्ति के एक भाग को दर्शन सिंह ने उसके पिता कमल खुराना से खरीदा था। इस संपत्ति को खरीदने के बाद दर्शन सिंह और उसका पुत्र हरजीत सिंह संपत्ति के निकट की 150 फुट जमीन पर जबरन कब्जा करना चाहता है। जिसके लिए उनके पुलिस और प्रशासन से गुहार लगाई। लेकिन सत्ता के रसूक के दम पर प्रशासन और पुलिस ने उसकी कोई मदद नही की। ऋचा के आरोप है कि इस विवाद से उसका परिवार दहशत में है। इस प्रेस वार्ता के दो घंटे बाद भाजयुमो नेता हरजीत सिंह और उसके पिता दर्शन सिंह ने प्रेस वार्ता कर अपना पक्ष रखा। दर्शन सिंह ने बताया कि उन्होंने किसी की भूमि पर कोई कब्जा नही किया है। इसी संबंध में हरजीत सिंह ने एक पटवारी नरेंद्र कांबोज की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया। ऋचा खुराना की शिकायत के बाद पटवारी ने मौके पर निरीक्षण करने के बाद उक्त जांच रिपोर्ट को तैयार किया था। रिपोर्ट में बताया गया है कि मौके पर प्रार्थिया ऋचा खुराना की संपत्ति पूरी तरह से सुरक्षित है। विपक्षियों और प्रार्थी ऋचा खुराना की संपत्ति के बीच में दीवार बनी हुई है। इस प्रकार प्रार्थिया का प्रार्थना पत्र निराधार है। अगर पटवारी की जांच को रिपोर्ट को सही माने तो भाजयुमो नेता हरजीत पर लगे आरोप पूरी तरह से निराधार है। तो सवाल उठता है कि आखिरकार ऋचा खुराना किस मंशा से हरजीत सिंह पर आरोप लगा रही है। ऐसे में ऋचा खुराना के आरोपों के बाद मामले में झोल दिखाई पड़ रहा है।