कुंभ खत्म तो बाबाओं का रसूख हुआ कम अब सरकारी मशीनरी हुई आजाद




नवीन चौहान
कुंभ पर्व 2021 का समापन हो गया तो बाबाओं का रसूख भी अब कम हो चुका है। आश्रमों में बाबाओं के आगे पीछे घूमकर उनकी जायज-नाजायज मांगों और जी हजूरी में दिखाई देने वाला प्रशासन अब स्वतंत्र हो चुका है। प्रशासन अब अपनी पावर और कानून का एहसास बाबाओं को करायेगा। विगत कुछ महीनों से बाबाओं की घुटन में वक्त गुजार रहे और दबाब में दिखाई देने वाले प्रशासन को भी मानो मुक्ति मिल चुकी है। कुंभ पर्व की आड़ में कई आश्रमों के बाबाओं ने कई उलटे सीधे कार्यो को परवान चढ़ाया है। किसी ने अपनी ध्वजा की आड़ में भूमि पर कब्जा करने का प्रयास किया तो किसी ने अवैध निर्माण ही कर दिया। कुछ संतों की दबी फाइले अब बाहर आ सकती है। कुल मिलाकर संतों के दबाब से प्रशासन पूरी तरह से आजाद हो चुका है। सरकारी मशीनरी चैन की बंशी बजा रही है।
कुंभ पर्व 2021 के शुरूआती दौर से ही संत प्रशासन पर हावी दिखाई दिए। सरकार और संतों ने मिलकर प्रशासन को पूरी दबाब में ले लिया। सरकार ने संतों की इच्छा पूछकर कुंभ की तैयारी की योजना बनाई तो बाबाओं ने अपना रसूक दिखाना शुरू कर दिया। बाबाओं की जयजयकार होने लगी। बाबा ने अपने अनुरूप कुंभ पर्व और खर्च की तैयारी की योजना बनाई। सरकार ने बाबाओं के सामने सरेंडर किया तो प्रशासन ने मूक सहमति दी। संतों ने सरकार को इधर-उधर घुमाया और प्रशासन पीछे-पीछे चलता रहा। कुछ ऐसा ही नजारा करीब दो माह से हरिद्वार में चलता रहा। कुंभ में हरिद्वार के व्यापारियों की पूरी तरह से अनदेखी की गई। संतों ने भी हरिद्वार के व्यापारी भक्तों को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया। दूसरे राज्यों के भक्तों की सेवा में बाबा लोग जुटे रहे। एक नामी संत ने दो व्यापारी बंधुओ के लिए कानून को ही ताक पर रख दिया। हरिद्वार कुंभ 2021 बाबा के इर्द-गिर्द घूमता रहा। सरकार और प्रशासन पीछे-पीछे नाचता नजर आया। एक अखाड़े के नामी संत की हठधर्मिता तो सिर चढ़कर बोलती रही। वह एक जमीन के टुकड़े को अखाड़े के नाम कराने के लिए ही मंडराता रहा।
सरकार ने कुंभ पर्व के आयोजन और अखाड़ों को एक-एक करोड़ की धनराशि दी। बाबाओ के छींकने और खांसने तक का पूरा ध्यान रखा गया। आक्सोमीटर, मास्क, सेनेटाइजर तक दिए गए। कुल मिलाकर सरकार के आदेश पर प्रशासन ने संतों की खूब परिक्रमा की। लेकिन 27 अप्रैल के अंतिम शाही स्नान के साथ ही कुंभ पर्व का विधिवत समापन हो गया। मेला प्रशासन ने भी गंगा स्नान कर लिया।
मेला प्रशासन, पुलिस और जिला प्रशासन अब पूरी तरह से आजाद महसूस कर रहा है। कोरोना संक्रमण काल में कुंभ पर्व के आयोजन को सफल बनाने में महती भूमिका निभाने वाली सरकारी मशीनरी अब स्वतंत्र है। इसी के अलगे चरण में एक बाबा के अवैध निर्माण पर एचआरडीए ने नोटिस जारी किया है। कल तक जो बाबा अधिकारियों का स्थानांतरण कराने को गरियाते थे अब नोटिस को रूकवाने में जुटे है।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *