दो दिवसीय सेमिनार में जुटे आयुर्वेदिक स्पेशलिस्ट, इन बातों पर हुआ मंथन




नवीन चौहान.
आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अन्तर्गत उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के ऋषिकुल परिसर एवं ऑल इंडिया आयुर्वेदिक स्पेशलिस्ट (पी.जी.) एसोसिएशन द्वारा आयुर्वेद चिकित्सा सिद्धांत अग्नि-व्यापार विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन शुभारम्भ हुआ।

उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, ऋषिकुल परिसर के पं मदन मोहन मालवीय ऑडिटोरियम में आज दिनांक 23 जुलाई 2022 को आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान के अग्नि-व्यापार विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन कायचिकित्सा विभाग ऋषिकुल परिसर, हरिद्वार द्वारा शुभारम्भ किया गया। प्रथम सत्र उद्घाटन सत्र की शुरुआत धन्वंतरि वंदना, स्वागत गीत एवं पंचमहाभूत नृत्य की शानदार प्रस्तुति के साथ हुई। स्वागत उदबोधन में ऑल इंडिया आयुर्वेदिक स्पेशलिस्ट (पी.जी.) एसोसिएशन के डॉ राजेंद्र प्रसाद ने अग्नि की महत्वता बताते हुऐ मंचासीन गणमान्य अतिथियों, शिक्षकों, छात्र/छात्राओं और मीडिया बन्धुओं का स्वागत एवं अभिनन्दन ज्ञापित किया।

इसके उपरान्त मुख्य अतिथि आचार्य बालकृष्ण, कुलपति पतंजलि विश्वविद्यालय, हरिद्वार ने अग्नि के महत्व बताते आयुर्वेद के सिद्धांतों को सिद्ध करने हेतु अनुसन्धान करने की आवश्यकता बताई और कहा कि इसके लिए पतंजलि विश्वविद्यालय सफलता पूर्वक प्रयासरत है। इसके बाद विशिष्ट अतिथि प्रो. एस.एन. सिंह निदेशक आयुर्वेद एवं यूनानी सेवाएं, उत्तरप्रदेश ने ऋषिकुल परिसर और देश के विभिन्न प्रदेशों से आए हुए छात्र छात्राओं को जनमानस के स्वास्थ्य लाभ हेतु आयुर्वेद पद्धति को प्रचार प्रसार के लिए प्रोत्साहित किया।

प्रोफेसर अरुण कुमार त्रिपाठी निदेशक आयुर्वेद एवं यूनानी सेवाएं उत्तराखंड ने बताया कि संपूर्ण स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए समअग्नि का महत्व है साथ ही बताया की जीवन है तो अग्नि है, शरीर अग्नि समाप्त होने पर जीवन समाप्त हो जाता है, इसलिए स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए अग्नि महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम के आयोजक सचिव प्रोफेसर ओ.पी.सिंह ने कार्यक्रम की रूपरेखा को विस्तृत रूप से बताया कि इस कार्यक्रम में 578 प्रतिभागियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। साथ ही विभिन्न सत्रों में सर्वश्रेष्ठ पेपर प्रेजेंटेशन करने पर प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा।

इंडिया आयुर्वेदिक स्पेशलिस्ट (पी.जी.) एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रोफेसर धर्मवीर ने संगठन के इतिहास को बताते हुए अग्नि का महत्व बताया, साथ ही कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहें उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, देहरादून के कुलपति एवं विश्व प्रसिद्ध मर्म चिकित्सा विशेषज्ञ प्रो. सुनील कुमार जोशी ने आयुर्वेद सिद्धांत अग्नि व्यापार विषय की सेमिनार की E-सोविनयर को लांच किया और अग्नि के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। स्वागत बोध कार्यक्रम के अंत में ऑल इंडिया आयुर्वेद पीजी एसोसिएशन साइंसटिफिक सेशन चेयरमैन डॉ आर.के. यादव ने सभी गणमान्य अतिथियों शिक्षकों और छात्रों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

आज के इस कार्यक्रम में विभिन्न सेशन के अंतर्गत 7 गेस्ट लेक्चर, 70 पेपर प्रेजेंटेशन, और 70 पोस्टर प्रेजेंटेशन किये गये। आयुर्वेद सेमिनार कार्यक्रम में मंच का संचालन डॉ. संजय त्रिपाठी, डॉ. श्वेता शुक्ला और डॉ नितिन शर्मा ने सयुंक्त रुप से किया। इस कार्यक्रम में प्रोफेसर डी०सी० सिहं, प्रोफेसर, डा० पी०के० प्रजापति, प्रोफेसर विनीत कुमार अग्निहोत्री, डा० राजेश अधाना, प्रो. पंकज शर्मा, प्रो. आर.बी. सती, प्रो वि.डी.अग्रवाल, प्रो.एस. एन. सिंह, प्रो.अरुण त्रिपाठी, प्रो.राजेंद्र प्रसाद, डॉ. ऋजु अग्रवाल, डॉ रमाकांत यादव, डॉ संजय कुमार त्रिपाठी, प्रोफेसर उत्तम शर्मा, प्रोफेसर, गिरिराज गर्ग, ज्ञानेंद्र शुक्ला, डा० बालकृष्ण पवार, डा० सुरेश चौबे, डा० मयंक भटकोटी, डा० जसपीत सिंह, डा० एस०पी० सिंह, डा० रीना दीक्षित, डा० अवधेश मिश्रा, डा० देवेश शुक्ला, डा० विपिन पाण्डेय, डा० विपिन अरोरा, डॉ शोभित कुमार वार्ष्णेय, डॉ वेद भूषण शर्मा, डॉ० संजय गुप्ता, डा० शैलेन्द्र प्रधान, डा० शशिकान्त तिवारी, डॉ राजीव कुरेले आदि गणमान्य व्यक्ति एवं छात्र -छात्राए उपस्थित रहे।



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