नवीन चौहान.
दो हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए संग्रह अमीन को कोर्ट ने दोषी मानते हुए सजा सुनायी। कोर्ट ने आरोपी को एक मामले में तीन साल व दूसरे मामले में चार साल की सजा सुनायी इसके अलावा 5 हजार का जुर्माना भी लगाया। संग्रह अमीन को सतर्कता विभाग की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।
जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता हिमांशु जोशी, निवासी-304, नैशविला रोड़ देहरादून द्वारा दिनांक 05.10.2009 को एक शिकायती प्रार्थना पत्र पुलिस अधीक्षक, सतर्कता सैक्टर देहरादून को इस आशय का दिया की उसकी पत्नी श्रीमती सुषमा जोशी ने पी0एम0आर0वाई0 योजना के तहत एस0बी0आई0 राजपुर रोड़ देहरादून से वर्ष 2006 में रू0 1,28,000/- का ऋण लिया था, जिसकी समय से अदायगी न होने पर बैंक द्वारा ऋण वसूली हेतु कलेक्ट्रट दे0दून में भेज दिया गया था, जिसे कलैक्ट्रेट ने आर0सी0 के तहत वसूली हेतु तहसील देहरादून में भेज दिया गया था। तहसील से अमीन प्रेम नारायण मिश्रा अदायगी हेतु आर0सी0 की वसूली करने हेतु उसके घर आया, किन्तु शिकायतकर्ता की पत्नी द्वारा योजना के तहत ऋण समायोजन पत्र जो बैंक द्वारा कुछ शर्तो पर निर्गत किया गया था, दिनांक 05.10.2009 को दोपहर 01ः00 बजे अभियुक्त प्रेम नारायण मिश्रा को उस वक्त दिया जब वह शिकायतकर्ता के घर आया। शिकायतकर्ता बैंक द्वारा निर्गत समझौते पत्र दिखाया गया किन्तु अभियुक्त प्रेम नारायण मिश्रा द्वारा समझौता पत्र को न मानते हुये 2,000/- रिश्वत की मांग की गयी।
शिकायतकर्ता रिश्वत नहीं देना चाहता था, बल्कि मजबूरी वश रूपये देने को तैयार हो गया। पुलिस अधीक्षक, सतर्कता सैक्टर देहरादून द्वारा शिकायतकर्ता के शिकायती प्रार्थना पत्र की गोपनीय जांच कराते हुये ट्रैप टीम का गठन किया गया, जिस पर ट्रैप टीम द्वारा अभियुक्त प्रेमनारायण मिश्रा, तत्कालीन संग्रह अमीन, तहसील देहरादून को शिकायतकर्ता हिमांशु जोशी से उसकी कुर्की की कार्यवाही रोकने की एवज में दिनांक 06.10.2009 को रू0 2,000/- उत्कोच ग्रहण करते हुये रंगे हाथों गिरफ्तार कर, थाना सतर्कता सैक्टर देहरादून पर मु0अ0सं0-12/09 धारा-7/13(1)डी सपठित धारा-13(2)भ्र0नि0अधि0 1988 के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत करने के उपरान्त अभियुक्त प्रेमनारायण मिश्रा के विरूद्व आरोप पत्र मा0 सक्षम न्यायालय प्रेषित किया गया।
मा0 न्यायालय में सतर्कता अधिष्ठान द्वारा सतत् पैरवी कराते हुये समय से गवाहों की गवाही करायी गयी, जिस पर सुनवाई उपरान्त मा0 न्यायालय, विशेष न्यायाधीश (सतर्कता) देहरादून द्वारा आज दिनांक 31.03.2021 को अभियुक्त प्रेमनारायण मिश्रा उपरोक्त दोषी पाते हुये भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के आरोप में 03 वर्ष की कारावास व 5000/- रू0 अर्थदण्ड तथा धारा 13(1)(डी) सपठित धारा 13(2) के आरोप में 04 वर्ष की कारावास एवं 5000/- रू0 के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। निर्णय पर निदेशक, सतर्कता महोदय द्वारा सतर्कता पुलिस टीम को को उत्साह वर्धन हेतु नगद पुरूस्कार देने की घोषणा की गयी।
उल्लेखनीय है कि सतर्कता निदेशालय उत्तराखण्ड देहरादून में एक हेल्प लाईन नं0 जिसका टोल फ्री नं0-18001806666 व What,s App No-9456592300 का गठन किया गया है, ‘‘जनता से अपील है कि यदि राज्य सरकार का कोई लोक सेवक रिश्वत मांगता है तो विजीलैंस को उक्त नम्बर पर सूचना दें, उनकी सूचना के साथ उनका नाम पता भी गोपनीय रखी जायेगी’’। उपरोक्त के अतिरिक्त ‘‘फाइट अगेन्स्ट करप्शन उत्तराखण्ड https://www.facebook.com/spvigilance.uk के नाम से एक फेस बुक पेज एवं सतर्कता विभाग की वेबसाइट WWW.Vigilance.uk.gov.in भी स्थापित की गयी, जिससे जनता द्वारा अपनी शिकायत सतर्कता विभाग से कर सके।