क्यू-आर कोड आधारित पंजीकरण करने वाला उत्तराखंड का पहला अस्पताल बना एम्स




नवीन चौहान.
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में क्यू आर कोड से पंजीकरण सुविधा शुरू हो गई है। इस सुविधा को शुरू करने वाला उत्तराखंड का एम्स पहला अस्पताल बन गया है। सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट आभा के क्यूआर कोड आधारित काउंटर सुविधा का विधिवत लोकार्पण किया।

एम्स के ओपीडी पंजीकरण परिसर में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह ने संस्थान में उपचार कराने के लिए आने वाले मरीजों की सुविधा के लिए आभा के क्यूआर कोड बेस रजिस्ट्रेशन काउंटर का विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने एम्स संस्थान की इस पहल की सराहना की और इसे मरीजों के लिए बेहद लाभकारी बताया।
काबीना मंत्री डाॅ. रावत ने कहा कि इससे उत्तराखंड में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को और अधिक बल मिलेगा। जिसके तहत मरीजों की आभा आईडी भी बनाई जाएगी, लिहाजा इससे उन्हें अस्पताल में पंजीकरण कराने के लिए लंबी लाईनों से निजात मिलेगी।

इस अवसर पर एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने बताया कि इस व्यवस्था के तहत संस्थान में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को एम्स के प्रवेश द्वारा गेट नम्बर- 3 पर ही क्यूआर कोड के माध्यम से मोबाईल से आभा एप डाउनलोड कर एम्स हॉस्पिटल का क्यूआर कोड स्कैन करना होगा। एप डाउनलोड करने के बाद उसे मोबाईल कैमरे द्वारा अस्पताल की दीवार पर प्रदर्शित क्यूआर कोड को स्कैन करने पर उनके मोबाईल एप पर ओपीडी का पंजीकरण नम्बर आएगा।

कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने बताया कि यह पंजीकरण टोकन नंबर ओपीडी एरिया के संबंधित काउंटर पर मौजूद डिस्पले बोर्ड पर भी प्रदर्शित होगा। मरीज द्वारा इस टोकन नम्बर को ओपीडी काउंटर पर मौजूद कर्मचारी को दिखाने पर मरीज अपना ओपीडी परामर्श के लिए पर्चा तत्काल प्राप्त कर सकता है।

इस दौरान आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के समन्वयक कमल जुयाल ने मंत्री धन सिंह को आभा के क्यूआर कोड आधारित पंजीकरण के विषय में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही इस दौरान उन्होंने आभा के क्यूआर कोड बेस रजिस्ट्रेशन का डैमो भी दिया गया।

कार्यक्रम में एम्स अस्पताल के अपर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अंशुमन दरबारी, नोडल ऑफिसर आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन डॉ. मोहित भाटिया, डीएमएस डॉ. पूजा भदौरिया, जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के समन्वयक कमल जुयाल, आईटी विभाग से संचित गर्ग, खिलानंद थपलियाल, त्रिलोक खरोला आदि मौजूद थे।



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