कृषि विवि एवं पशुपालन विभाग ने गांव में लगाया पशु स्वास्थ्य शिविर




मेरठ।
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ में इफको द्वारा वित्तपोषित परियोजना अंतर्गत पशुचिकित्सा महाविद्यालय एवं पशुपालन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को गांव अलीपुर में पशु स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कृषि विवि के कुलपति डा. आर के मित्तल के निर्देशन में किया गया।

कुलपति डा. आरके मित्तल ने बताया कि पशुचिकित्सा महाविद्यालय के वेटेरिनरी मेडिसिन विभाग में इफ्को द्वारा वित्तपोषित एक परियोजना चल रही है। जिसका उद्देश्य महाविद्यालय के विशेषज्ञों द्वारा प्रत्येक शनिवार को पश्चिमी उत्तरप्रदेश के जनपदों के गाँवों में एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से पशु स्वास्थ्य विशेषकर पशुओं में बांझपन जैसी समस्याओं के निदान एवं समुचित उपचार करना है, जिससे पशुपालकों की आमदनी बढ़ सके।

पशुचिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. राजबीर सिंह ने बताया कि इस परियोजना के प्रथम चरण में जनपद मेरठ के गाँवों में पशु स्वास्थ्य शिविर लगाये जायेंगे तत्पश्चात निकटवर्ती जनपदों जैसे कि मुजफ्फरनगर, हापुड़, अमरोहा एवं बुलन्दशहर इत्यादि जनपदों में भी शिविर लगाए जायेंगे साथ ही उन्होंने पशुओं के रखरखाव, पशु उत्पादकता एवं इनसे प्राप्त स्वच्छ दुग्ध उत्पादन, उनके स्वास्थ्य एवं पशु व्यवसाय में आने वाले चुनौतियों/समस्याओं के समाधान पर बल दिया।

पशुपालन विशेषज्ञ डा. अमित वर्मा ने बारिश के मौसम में पशुओं में होने वाली विभिन्न बीमारियों की रोकथाम तथा खुरपका, मुंहपका, गलघोंटू एवं लंगड़िया बुखार से बचाने के लिए पशुओं का टीकाकरण कराने की सलाह दी। शिविर में पशु चिकित्सा महाविद्यालय के विभिन्न विभागों जैसे कि वेटेरिनरी मेडिसिन, सर्जरी, मादा पशुरोग विज्ञान एवं परीजीवी विज्ञान के विशेषज्ञों डा. अमित वर्मा, डा. अरबिंद सिंह, डा. प्रेम सागर मौर्या एवं डा. आशुतोष त्रिपाठी ने पशुओं के स्वास्थ्य एवं रक्त नमूनों की जांच की तथा पशुओं में बाँझपन निवारण के लिए उचित उपचार एवं परामर्श दिया।

शिविर के प्रभारी डा. अमित वर्मा ने बताया कि पशुओं में अधिकतर परीजीवी संक्रमण, थनैला, गाभिन न होना (रिपीट ब्रिडिंग), भूख कम लगना, मिट्टी खाना आदि रोग पाए गए। साथ ही पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य हेतु पेट के कीड़े मारने की दवा वितरित की। शिविर में आए पशुपालकों को वीरबेक कम्पनी द्वारा निर्मित खनिज मिश्रण, पेट के कीड़ों की दवा तथा लीवर टॉनिक का भी नि:शुल्क वितरण कंपनी के प्रतिनिधि दीपक एवं राहुल द्वारा किया गया।

इस पशु स्वास्थ्य शिविर में लगभग 212 विविध पशुओं जैसे कि गाय, भैंस, बकरी, कुत्ते इत्यादि आए एवं लगभग 100 से अधिक महिला एवं पुरुष किसान अथवा पशुपालक लाभान्वित हुए। शिविर के दौरान डा. के पी सिंह ने ग्रामीणों को पशुपालन विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठाने के लिए पशुपालकों को प्रेरित भी किया।

इस पशु स्वास्थ्य कैम्प में विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर छात्र छात्राओं आदित्य कुमार, अनीश कुमार, अफरोज एवं पशुपालन विभाग के डा. देशदीपक, डा. अशोक कुमार, डा. देवेन्द्र शाहू, पशुधन प्रसार अधिकारी एसडी शर्मा तथा अन्य स्टाफ ने पशुपालकों के पंजीयन, उपचार एवं दवा वितरण जैसे विभिन्न कार्यों में सक्रिय सहयोग प्रदान किया।



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