सर्दियों में नहाने का सही तरीका अपनाएं, हार्ट अटैक से सुरक्षित रहें




नवीन चौहान.
क्या आपने कभी अपने आसपास ध्यान से देखा या सुना है कि नहाते समय बुजुर्ग को लकवा लग गया?, दिमाग की नस फट गई (ब्रेन हेमरेज), हार्ट अटैक आ गया। छोटे बच्चे को नहलाते समय वो बहुत कांपता रहता है, डरता है और माता समझती है की नहाने से डर रहा है, लेकिन ऐसा नहीँ है, असल में ये सब गलत तरीके से नहाने से होता है।

दरअसल हमारे शरीर में गुप्त विद्युत् शक्ति रुधिर (खून) के निरंतर प्रवाह के कारण पैदा होते रहती है, जिसकी स्वास्थ्यवर्धक प्राकृतिक दिशा ऊपर से आरम्भ होकर नीचे पैरो की तरफ आती है। सिर में बहुत महीन रक्त् नालिकायें होती है जो दिमाग को रक्त पहुँचाती है।

यदि कोई व्यक्ति निरंतर सीधे सिर में ठंडा पानी डालकर नहाता है तो ये नलिकाएं सिकुड़ने या रक्त के थक्के जमने लग जाते हैं। और जब शरीर इनको सहन नहीं कर पाता तो ऊपर लिखी घटनाएं वर्षों बीतने के बाद बुजुर्गों के साथ होती हैं।

सिर पर सीधे पानी डालने से हमारा सिर ठंडा होने लगता है, जिससे हृदय को सिर की तरफ ज्यादा तेजी से रक्त भेजना पड़ता है, जिससे या तो बुजुर्ग में हार्ट अटैक या दिमाग की नस फटने की अवस्था हो सकती है।

ठीक इसी तरह बच्चे का नियंत्रण तंत्र भी तुरंत प्रतिक्रिया देता है जिससे बच्चे के कांपने से शरीर में गर्मी उत्पन्न होती है और माँ समझती है की बच्चा डर रहा है। गलत तरीके से नहाने से बच्चे की हृदय की धड़कन अत्यधिक बढ़ जाती है स्वयं परीक्षण करिये।

तो आईये हम आपको नहाने का सबसे सही तरीका बताते है। बाथरूम में आराम से बैठकर या खड़े होकर सबसे पहले पैर के पंजों पर पानी डालिये, रगड़िये, फिर पिंडलियों पर, फिर घुटनों पर, फिर जांघों पर पानी डालिये और हाथों से मालिश करिये।

फिर हाथों से पानी लेकर पेट को रगड़िये। फिर कंधों पर पानी डालिये, फिर अंजुली में पानी लेकर मुँह पर मलिए। हाथों से पानी लेकर सर पर मलिए। इसके बाद आप शावर के नीचे खड़े होकर या बाल्टी सिर पर उड़ेलकर नहा सकते हैं।

इस प्रक्रिया में केवल एक मिनट लगता है लेकिन इससे आपके जीवन की रक्षा होती है। और इस एक मिनट में शरीर की विद्युत प्राकृतिक दिशा में ऊपर से नीचे ही बहती रहती है क्योंकि विद्युत् को आकर्षित करने वाला पानी सबसे पहले पैरो पर डाला गया है।

बच्चे को इसी तरीके से नहलाने पर वो बिलकुल कांपता डरता नहीं है। इस प्रक्रिया में शरीर की गर्मी पेशाब के रास्ते बाहर आ जाती है आप कितनी भी सर्दी में नहाये कभी जुखाम बुखार नहीं होगा। यह छोटे बच्चों ,बुज़ुर्गों के लिये बहुत उपयोगी है।

साभार:
Dr.(Vaid) Deepak Kumar
Adarsh Ayurvedic Pharmacy
Kankhal Hardwar [email protected]
9897902760



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