प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दिल जीतने वाले उत्तराखंड के प्रशासनिक अफसर




  • डिप्टी कलक्टर गोपाल सिंह चौहान के जन्मदिन पर खास रिपोर्ट।
  • गोपाल सिंह चौहान को उनके जन्मदिन पर ढेर सारी बधाई।

नवीन चौहान
अपनी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दिल जीतने वाले उत्तराखंड के प्रशासनिक अफसर और हरिद्वार के डिप्टी कलेक्टर गोपाल सिंह चौहान है। जिन्होंने जनता की सेवा को ही अपना धर्म समझकर उनकी सेवा कर रहे है। जनता की समस्याओं को प्राथमिकता से दूर कर रहे है। गरीबों की सेवा में सदैव तत्पर रहते है। कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने फर्ज का निर्वहन करते है। केदारनाथ पुर्ननिमार्ण कार्य हो या कोरोना संक्रमण काल में पीड़ितों को राहत पहुंचाने का कार्य हो। माफियायों के मंसूबों को नाकाम करना हो या फिर अतिक्रमणकारियों के हौसलों को ध्वस्त करना हो। उनके उल्लेखनीय कार्य इतिहास में दर्ज हो चुके है। उनके कार्यो की सराहना तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक कर चुके है।

जी हां आज हम बात कर रहे हरिद्वार के डिप्टी कलेक्टर गोपाल​ सिंह चौहान की। उनका जन्म देहरादून की तहसील कालसी के उमरेऊ गांव में श्री देवी सिंह चौहान के घर हुआ। एक सामान्य परिवार में जन्मे गोपाल सिंह चौहान का जीवन बेहद की कठिन परिस्थितियों और संघर्षो में बीता। पिता श्री देवी सिंह चौहान स्वास्थ्य विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर कार्यरत रहे तो उनकी प्रारंभिक शिक्षा भी गांव के ही प्राइमरी स्कूल से आरंभ हुई। बचपन से पढ़ने में मेधावी गोपाल सिंह चौहान पर माता—पिता के संस्कार का अमिट प्रभाव पड़ना शुरू हो गया। खेलकूद और विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों में उनकी रूचि रही। गरीबों को तकलीफ में देखकर उनका मन विचलित होता था।

गोपाल सिंह चौहान ने अपना पूरा ध्यान प्रशासनिक अफसर बनने पर केंद्रित कर दिया। उनकी मेहनत और लगन का नतीजा रहा कि दो बार सरकारी नौकरी लगी। साल 2005 में इंटर कॉलेज में इतिहास के प्रवक्ता पद पर और साल 2009 में डिग्री कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर नौकरी करने का अवसर मिला। लेकिन प्रशासनिक सेवा करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकारी नौकरी छोड़कर यूपीएसएस की परीक्षा पास करने में जुट गए। तीन बार आईएएस का इंटरव्यू दिया।

आखिरकार मेहनत रंग लाई। साल 2010 में उनको सफलता मिल गई। लेकिन ज्वाइनिंग साल 2014 ​में हुई। करीब छह सालों की प्रशासनिक सेवा में गोपाल सिंह चौहान ने अपनी कर्तव्यनिष्ठा से जनता के दिलों में जगह बनाने में कामयाबी पाई। 7 जनवरी 2016 को पहली पोस्टिंग नगर आयुक्त नगर निगम रूड़की में। अपर उप जिलाधिकारी रूड़की के पद पर कार्य किया और जनता की सेवा की। जनता की सेवा के चलते रूड़की में एक प्रकरण में नेता से टकराव हुआ। जिसके बाद तबादला रूद्रप्रयाग हो गया।

रूद्रप्रयाग में केदारनाथ पुर्ननिर्माण कार्यो के नोडल अधिकारी के तौर पर गोपाल सिंह चौहान ने उल्लेखनीय कार्य किया। केदारनाथ के निर्माण कार्यो का निरीक्षण करने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोपाल सिंह चौहान की लगन, मेहनत और कर्तव्यनिष्ठा की सराहना की। पांच -पांच फुट बर्फ के बीच में रहकर कार्य कराना। मजूदरों के बीच रहकर उन्ही के साथ भोजन करते हुए निर्माण कार्य को मूर्तरूप देना।

भगवान शिव की सेवा में लीन गोपाल सिंह चौहान पर के व्यक्तित्व में एक अलग परिवर्तन हुआ। मानव सेवा और दीन दुखियारों की मदद करने की एक भावना प्रबल हो गई। उनकी यह ​छवि उनको विशेष अफसर बनाती है। यूं तो एसडीएम के पद पर कार्य करते हुए गोपाल सिंह चौहान ने कई अनूठे कार्य किए। लेकिन कुंभ महापर्व 2021 में उन्होंने मेला भूमि के चिंहीकरण से लेकर सेक्टर बनाने में महती भूमिका अदा की।

एसडीएम हरिद्वार के पद पर कार्यरत रहने के दौरान गोपाल सिंह चौहान ने कुंभ महापर्व की व्यवस्थाओं को पूर्ण कराया। हरिद्वार को अतिक्रमण मुक्त कराया। पेशवाईयों और शाही स्नान को सकुशल संपन्न कराने में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया। कोरोना संक्रमण काल में गरीबों की भरपूर सेवा की। प्रवासी नागरिकों के लिए स्टेशन पर दिनरात डयूटी देकर लोगों के रहने ठहरने की व्यवस्था करायी। कोरोना टेस्टिंग से लेकर उनके खाने आदि की व्यवस्था में जुटे रहे। कोरोना मरीजों की समस्या हो या फिर लॉकडाउन के कारण परेशान हो रहे लोगों की। सभी समस्याओं में वह दिनरात सेवा करने में जुटे रहे। जो समस्या सामने आयी उसका प्राथमिकता के साथ समाधान कराया। लोगों के घरों में राशन भिजवाया।

गरीब बच्चों की स्कूल फीस तक चुकाई। गरीब बच्चों को आन लाइन पढ़ने के लिए मोबाइल दिया। गरीब बुजुर्गो को तहसील में विशेष सम्मान दिया जाने लगा। बुजुर्गो और महिलाओं की समस्याओं का निस्तारण प्राथमिकता से किया जाने लगा। यही नहीं जब एक समुदाय विशेष के लोगों ने वैक्सीन लगवाने से इंकार कर ​दिया तब गोपाल सिंह चौहान ही थे जो उस समुदाय के बीच गए, उनसे सीधी बात की, उन्हें वैक्सीन के बारे में जागरूक किया और उन्हें कैंप लगाकर वैक्सीन भी लगवायी। यह एसडीएम गोपाल सिंह चौहान की मेहनत और लग्न का नतीजा है जो आज सभी लोग वैक्सीन लगवाने के लिए आगे आ रहे हैं, जिस कारण जनपद में वैक्सीनेशन का कार्य अपना लक्ष्य पूरा कर रहा है।

यूं तो गोपाल सिंह चौहान के बहुत उल्लेखनीय कार्य है। लेकिन हरिद्वार में ही बैरागी कैंप के मेला भूमि पर हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाने का सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य करने का खिताब भी तत्कालीन एसडीएम गोपाल सिंह चौहान के नाम पर ही दर्ज है। जिन संतों के सामने उत्तराखंड सरकार नतमस्तक होकर सिर झुकाती रही, उन्ही संतों के अवैध कब्जे को खाली करने के लिए गोपाल सिंह चौहान ने संतों के विरोध का सामना किया और फर्ज को अंजाम दिया।


केदारनाथ पुर्ननिर्माण कार्य करने में भगवान शिव का आशीर्वाद गोपाल सिंह चौहान की ताकत के रूप में सदैव उनके साथ है। फिलहाल हरिद्वार में डिप्टी कलेक्टर के पद पर कार्यरत गोपाल सिंह चौहान अपनी कर्तव्यनिष्ठा का निर्वहन कर रहे है। जनता की सेवा कर रहे है।

खनन माफियाओं पर लगाम
तत्कालीन एसडीएम गोपाल सिंह चौहान ने हरिद्वार के खनन माफियाओं पर पूरी तरह से अंकुश लगाकर रखा। हरिद्वार के तत्कालीन जिलाधिकारी सी रविशंकर के ईमानदार व्यक्तित्व और उनकी अपेक्षाओं पर गोपाल सिंह चौहान पूरी तरह से खरे उतरे। उन्होंने गंगा की रक्षा की और गंगा का सीना छलनी होने से बचाया।

सरकारी जमीन पर नहीं लगने दिया डमरू और त्रिशुल
एसडीएम गोपाल सिंह चौहान ने सबसे महत्वपूर्ण कार्य ये किया कि एक बड़े अखाड़े के द्वारा सरकारी जमीन पर बिना अनुमति के त्रिशुल और डमरू स्थापित करने के लिए निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया था, लेकिन गोपाल सिंह चौहान ने इस मामले में अखाड़े के मंसूबे कामयाब नहीं होने दिये। जिन संतों के सामने लोग नतमस्तक रहते हैं, संतों को पूरा सम्मान देने वाले गोपाल सिंह चौहान ने संतों को साफ कह दिया कि कोई भी गैरकानूनी कार्य नहीं होने दिया जाएगा।

एसडीएम गोपाल सिंह रावत को न्यूज 127 की ओर से जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।



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