उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में धूमधाम से मनाया गया 75वां स्वतन्त्रता दिवस





नवीन चौहान
वीर माधों सिंह भण्डारी, उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीपी ध्यानी ने विश्वविद्यालय में बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाया। विश्वविद्यालय प्रांगण की प्राचीर पर ध्वजारोहण किया तथा तिरंगे झंडे को मान प्रणाम करते हुए वीर शहीदों को स्मरण किया। कुलपति डॉ पीपी ध्यानी ने सभी देशवासियों, प्रदेशवासियों व सहयोगियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी।
विश्वविद्यालय में स्वतन्त्रता दिवस समारोह के शुभ अवसर पर कुलपति डाॅ पीताम्बर प्रसाद ध्यानी ने सर्वप्रथम विश्वविद्यालय में स्थित शौर्यवाल में जाकर वीर अमर शहीदों को पुष्प अर्पित किये गये और फिर विश्वविद्यालय परिसर में ध्वजारोहण किया। राष्ट्रीय पर्व के इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारी, शिक्षक एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे और सभी के द्वारा कोविड-19 प्रोटोकाॅल का पूर्णतः पालन किया गया।
कुलपति डाॅ पीपी ध्यानी ने इस अवसर पर स्वतन्त्रता दिवस के इतिहास पर और उसमें अहम भूमिका निभाने वाले स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों, वीर अमर शहीदों, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी और राष्ट्रीय ध्वज के बारे मे विस्तृत रूप से विचार व्यक्त किये। उन्होनें पिछले 74 वर्षो में अपने देश में विभिन्न क्षेत्रों यथा- परमाणु उर्जा, अंतरिक्ष विज्ञान, मिसाइल टैक्नोलाॅजी और कृषि आदि में महत्वपूर्ण उपलब्धियों
और अपने देश की अद्वितीय सांस्कृतिक विविधता व विरासत आदि का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि आज कैसे हमारी वैश्विक पहचान एक सैन्य शक्ति, एक ज्ञान शक्ति और एक आर्थिक
शक्ति के रूप में हो रही है। डाॅ ध्यानी ने कहा कि हमारा देश विश्व मेंः-ग्रेजुएट तैयार करने में पहलें स्थान पर है, मोर्बाइल ब्राॅडबेंड प्रयोग करने में प्रथम स्थान पर है। इंजीनियर तथा वैज्ञानिक उपलब्ध कराने में दूसरे स्थान पर है। वैश्विक खादय सुरक्षा हेतु गेहूं और धान उत्पादन में दूसरे स्थान पर है, और वैश्विक आधारभूत संरचना हेत सीमेन्ट उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। डाॅ0 ध्यानी ने आवाह्न किया कि अब देश को आत्मनिर्भर बनकर विकसित देश बनना है।
और विश्व महाशक्ति बनकर विश्वगुरू भी। इसके लिए उन्होंने विशेष रूप से निम्न चार बिन्दुओं पर
अपने विचार विस्तृत रूप में रखे। उन्होंने कहा कि हमेंः-
 भ्रष्टाचार को समाप्त करना होगा, क्योकि यह लोकतंत्र को कमजोर करता है।
 गरीबी को समाप्त करना होगा, क्योकि यह विकास की प्रक्रिया को बाधित करती है।
 बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करना होगा, क्योकि यह विकास को अवरोधित करती है।
 पुरातन और आध्यात्मिक ज्ञान शक्ति को सम्पदा में बदलना होगा, क्योकि यह जन-जन के
जीवन में खुशहाली लाती है।
डाॅ ध्यानी ने विश्वविद्यालय
के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अपने-अपने कार्यक्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने हेतु प्रेरित किया और आत्मनिर्भर भारत बनानें में अपना योगदान
सुनिश्चित करने की अपील की। उन्होंने उत्तराखण्ड राज्य में पहली बार ‘लाईव आॅन-लाईन
परीक्षाएं’ सफलतापूर्व क सम्पन्न कराने हेतु विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक, कुलसचिव व
अधिकारियों एवं कर्मचारियों को, इस शुभअवसर पर, बधाई दी।स्वतन्त्रता दिवस के कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक आदि ने भी
अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारी, शिक्षक व कर्मचारीगण
उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन दीपक सुन्दरियाल ने किया।



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