DPS रानीपुर में 30वीं अन्तरविद्यालयी चित्रकला प्रतियोगिता, बच्चों ने उकेरी सुंदर कलाकृति




नवीन चौहान.
दिल्ली पब्लिक स्कूल रानीपुर में 30वाँ अन्तरविद्यालयी आशुचित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें हरिद्वार एवं आसपास के 26 विद्यालयों से लगभग 1200 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।

भारतीय लोककलाएँ विश्वभर में अपना अलग स्थान रखती हैं सहस्त्र वर्षो से ये लोककलाएं विभिन्न भारतीय संस्कृतियों परमपराओं एवं इतिहास को अपने में समेटे हुए हैं। बच्चों को लोक कला के माध्यम से अपनी अभिव्यक्तियों को कागज एवं रंगो द्वारा प्रदर्शित करने के लिए आज भारतीय लोक कलाओं जैसे मधुबनी, वर्ली, पिथौरा, कलमकारी, कालीघाट, फाड, गौंड, पटचित्र आदि को इस आशुचित्रकला का मुख्य विषय रखा गया।

प्रधाचार्य डॉ0 अनुपम जग्गा ने सभी प्रतिभाागियों का स्वागत करते हुए इस प्रतियोगिता का उद्घाटन किया। उन्होंने ने सभी प्रतिभागी विद्यालयों एवं उनके प्राचार्यों का आभार प्रकट करते हुए बताया कि कला मन को निर्मल बनाती है तथा रचनात्मकता के द्वार खोलती है। प्रतियोगिता का इस बार का विषय बहुत रोचक है व हम सभी को भारत की प्राचीन लोक कलाओं से रूबरु करा रही है साथ ही कुछ लुप्त होती लोक कलाओं को फिर से मुख्यधारा में जोड़ने का कार्य कर रही है। इतनी बड़ी संख्या में बच्चों का डीपीएस रानीपुर में आना विद्यालय के वातावरण को आलौकिक बना रहा है। मधुर संगीत के मध्य 1200 से अधिक बच्चों का तल्लीनता के साथ चित्र बनाते देखना वास्तव में एक सुखद अनुभव है। यह कला संगम वास्तव में सभी विद्यालयों का डीपीएस रानीपुर व इस प्रतियोगिता के प्रति स्नेह दर्शाता है।

डीपीएस रानीपुर द्वारा पिछले 30 वर्षों से यह प्रतियोगिता निरंतर आयोजित की जाती रही है। इस प्रतियोगिता में बच्चों के साथ साथ शिक्षकों एवं अभिभावकों को भी इसमें भाग लेने का मौका दिया जाता तथा विभिन्न समसामयिक मुद्दों के साथ साथ भारत की संस्कृति एवं गौरव से रूबरू कराने का प्रयास किया जाता है। इस बार यह प्रतियोगिता भारत की स्वर्णिम लोक कलाओं एवं कलाकारों को समर्पित है।

रंगबिरंगे स्कूली परिधानों में उत्साहित बच्चों ने अपनी रचनात्मकता का परिचय देते हुए अपने मन की अभिव्यक्तियों को रंगों के माध्यम से कागजों पर उकेरा। किसी ने गोपियों संग कृष्ण तो किसी जंगल का दृश्य, किसी ने रंगबिरंगे फूल बनाए तो किसी ने बारीक कलम से नक्काशी का डिजाईन, बच्चों के मन की रचनात्मक उडान की कोई सीमा न थी । प्रतियोगिता में कक्षा प्रेप से कक्षा बारह तक के बच्चों के लिए थी जिन्हें आठ खण्डों में बांटा गया था। आकांक्षा विद्यालय के विशेष बच्चों ने भी इस प्रतियोगिता में बढचढ कर भाग लिया साथ ही शिक्षकों एवं अभिभावकों को भी प्रतियोगिता मे स्थान दिया गया था।

प्रतिभागी विद्यालय इस प्रकार रहे-
डीपीएस दौलतपुर, संस्कृति स्कूल, आकांक्षा, आर्यन हेरिटेज, गुरुनानक ऐकेडमी, ऐडवेंट स्कूल, माउंट लेटेरा, आरकेएसएम, बटरफल्ई स्कूल, जवाहर नवोदय विद्यालय, डीपीएस फेरुपुर, मोंटफोर्ट, माता वैष्णो देवी स्कूल, गायत्री विद्यापीठ, न्यू सेंट थॉमस स्कूल, एंजिल्स एकेडमी, बीएमएल मुंजाल, शिवालिक पब्लिक स्कूल रूड़की, डीएवी सेंटनेरी पब्लिक स्कूल, मां सरस्वती बहादराबाद, आचार्य कुलम पतंजली, बाल मंदिर, क्रिसेंट स्कूल, विद्यामंदिर सी0 से0 स्कूल ने भाग लिया

इस प्रतियोगिता का संयोजन डीपीएस रानीपुर के कला विभाग द्वारा किया गया। परिणामों की घोषणा दिसम्बर माह के अंत में किया जाएगा।



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