UKSSSC पेपर लीक मामले में अब तक 15 गिरफ्तार, पुलिस टीम को मिलेगा इनाम




नवीन चौहान.
देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग द्वारा गत 4 व 5 दिसंबर 2021 को आयोजित की स्नातक स्तरीय परीक्षा में जिन घपलेबाजों की वजह से लाखों बच्चों के भविष्य पर स्याही फैल गयी थी उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) द्वारा उक्त पेपर लीक मामले में अभी तक 15 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। करोड़ो रूपये के पेपर लीक मामले में एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों से 85 लाख रुपये बरामद किये है।

बतादें यूकेएसएसएससी द्वारा दिसंबर 2021 में आयोजित की गई स्नातक स्तरीय परीक्षा के परिणाम आने के बाद से ही प्रदेश के कई बेरोजगार संघ व सोशल मीडिया पर पेपर लीक किये जाने के आरोप लगे थे। जिसके संबंध में युवाओं द्वारा मुख्यमंत्री से जांच की मांग की गई। जिसमें पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के आदेश पर 22 जुलाई को शिकायत दर्ज करवाने के बाद एसटीएफ को इसकी जांच सौपीं गयी थी। जिनके द्वारा इस मामले अभी तक कुल 15 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। गुरूवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में पुलिस महानिदेशक द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि आयोग द्वारा लखनऊ के जिस आरएमएस टेक्नोसॉल्यूशन्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को परीक्षा की तीन पालियों के प्रश्न पत्र छपाई को दी उस प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी अभिषेक वर्मा निवासी सीतापुर द्वारा प्रश्न पत्र चुराने के बाद प्रिंटर प्रोग्रामर जयजीत दास को वह पेपर लीक किये गए थे।

जिसके द्वारा उत्तराखंड एसएसएससी के पूर्व पीआरडी जवान मनोज जोशी व हे0न0ब0 के संविदा कर्मी दीपक चौहान को दिया गया था। पूर्व पीआरडी कर्मी मनोज जोशी द्वारा कनिष्ठ सहायक मनोज जोशी ,गौरव नेगी व अपने साले हिमांशु कांडपाल को प्रश्न पत्र दिया गया था। जिसके बाद मनोज जोशी व गौरव नेगी द्वारा रामनगर रिसोर्ट व काशीपुर के एक बैंक्वेट हॉल व घर मे अभियर्थियों से वह पेपर हल करवाया गया था।

मनोज जोशी द्वारा ही कुलवीर व शूरवीर चौहान के साथ मिलकर अन्य अभियर्थियों को पेपर उपलब्ध करवाए थे। अन्य अभियुक्त हिमांशु ने महेंद्र चौहान, दीपक शर्मा, अमरीश कुमार द्वारा अन्य बच्चों को पेपर लीक किये गए। वहीं मनोज जोशी द्वारा गौरव चौहान व तुषार चौहान ने अन्य अभियर्थियों को पेपर मुहैया करवाए। दीपक चौहान भावेश जगूड़ी के माध्यम से पेपर अन्य अभियर्थियों को उपलब्ध करवाए गए।

पुलिस महानिदेशक के अनुसार उक्त मामले में प्रथमता मामला आईपीसी धारा 420 में दर्ज किया गया था जिसमे आईपीसी धारा 467,468,471 व 34 की बढ़ोत्तरी की गई है। उन्होंने बताया कि परीक्षा में सफल हुई कुल 916 अभियर्थियों में से एसटीएफ द्वारा 50 अभियर्थियों को चयनित किया है जो पेपर लीक मामले में अभियुक्तों से जुड़े हुए है। 15 अभियुक्तों के पास से एसटीएफ ने कुल 83 लाख रुपये बरामद किए हैजिसके साथ ही एसटीएफ द्वारा अभियुक्तों के पास से बरामद लैपटॉप, मोबाइल फ़ोन व 40 से 50 लाख रुपये की संपत्ति जब्त की है। पुलिस महानिदेशक द्वारा मामले में पुलिस महानिदेशक द्वारा पत्रकारों के माध्यम से आम जनता से अपील करते हुए पेपर लीक मामले में किसी को भी कोई भी जानकारी होने पर एसटीएफ व पुलिस से संपर्क करने को कहा है। एसटीएफ द्वारा इस मामले में अभी और गिरफ्तारी होने की संभावना है।
पुलिस महानिदेशक द्वारा इस मामले में अभियुक्तों की सफल धरपकड़ पर एसटीएफ के कार्य की सराहना करते हुए एसटीएफ कर्मियों को इस स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री से पुरस्कार दिलाने की बात कही है।

’गिरफ्तार 15 अभियुक्तों के नाम
मनोज जोशी (कनिष्ठ सहायक,सितारगंज न्यायालय, उधमसिंह नगर), महेंद्र चौहान (कनिष्ठ सहायक, नैनीताल न्यायालय), हिमांशु कांडपाल (कनिष्ठ सहायक,रामनगर न्यायालय), अमरीश कुमार(उत्तराखंड पुलिस आरक्षी, उधमसिंह नगर), गौरव चौहान (अपर निजी सचिव, सचिवालय उत्तराखड़), दीपक चौहान, दीपक शर्मा, भावेश जगूड़ी (मेडिकल विश्वविद्यालय, हे0न0ब0,सेलाकुई,संविदा कर्मी), जयजीत दास(प्रोग्रामर, प्रिंटिंग प्रेस), अभिषेक वर्मा (कर्मी,प्रिंटिंग प्रेस), शूरवीर सिंह चौहान, मनोज जोशी (पूर्व पीआरडी कर्मी, यूकेएसएसएससी), गौरव नेगी, तुषार चौहान, कुलवीर सिंह (कोचिंग सेंटर स्वामी, करनपुर)।



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