उत्तराखंड में रिश्वतखोर अधिकारी पहुंचा सलाखों के पीछे, विजीलेंस ने दबोचा




नवीन चौहान
विजीलेंस की टीम ने एक सहायक कोषाधिकारी को 10 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी कैशियर पीड़िता को काफी लंबे वक्त से रिश्वत देने के लिए परेशान कर रहा था। आरोपी की नाजायज मांग करने के बाद पीड़ित ने विजीलेंस से शिकायत दर्ज करा दी। जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
विजीलेंस पुलिस ने बताया कि कोटद्वार जिला पौडी गढवाल से एक शिकायती प्रार्थना पत्र पुलिस अधीक्षक,सतर्कता सैक्टर देहरादून को मिला। पत्र देेने वाली एक विधवा महिला ने बताया कि उनके पति राजकीय इण्टर कालेज डाबरी पौडी गढवाल में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत थे। वर्ष 2007 मे ड्यूटी के दौरान उनके पति का निधन हो गया था। डयूटी के वक्त उनके पति का छठे वेतन आयोग का पे फिक्सेशन गलत तरीके से 5400/-रूपये हो गया था। जबकि पे फिक्सेशन 7600/- रूपये पर होना था। जब इस सम्बन्ध में विभाग से प्रत्राचार किया तो उनके मृत पति का पुनरिक्षित पेंशन के ऐरियर के रूप में 3,73,865/-रूपये का भुगतान होना बताया गया। उक्त भुगतान का ऐरियर 3,73,865/-रुपये मंजूर कर 28 फरवरी 2019 को वरिष्ठ कोषाधिकारी कोटद्वार को भेज दिया गया। लेकिन इस रकम के भुगतान कि एवज मे सहायक कोषाधिकारी, कोषागार कोटद्वार बीर सिंह रावत पुत्र नैन सिंह रावत निवासी ग्राम मानपुर निकट शान्तिबल्लभ मैमोरियल स्कूल थाना कोटद्वार जिला पौडी गढवाल 10,000/- रूपये रिश्वत की मांग करने लगा। जब रिश्वत नही दी तो वह उत्पीड़न करने लगा। पीड़िता की शिकायत पर आरोपी सहायक कोषाधिकारी, कोषागार कोटद्वार बीर सिंह रावत को पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया। आरोपी रिश्वत खोर विजीलेंस के जाल में फंस गया। आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।



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