नवीन चौहान, हरिद्वार। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय खेल प्रतियोगिता का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पीयूष कांत दीक्षित ने किया। उदघाटन अवसर पर उन्होंने कहा कि खेलों से बौद्धिक व शारीरिक विकास होता है। खेल प्रतियोगितायें विद्यार्थियों के व्यक्तित्व को निखारने का काम करती है। जिससे शरीर स्वस्थ रहता है और पढ़ाई में मन लगता है।
गुरूवार को उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय प्रतियोगिता के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पीयूष कांत दीक्षित ने प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को अपनी शुभकामनायें दी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय देववाणी के उत्थान में महती भूमिका अदा कर रहा है। इस विश्वविद्यालय के विद्यार्थी संस्कृत की शिक्षा के साथ खेलों में अपनी प्रतिभा के जौहर दिखला रहे है। उन्होंने सभी खिलाड़ियों को खेल भावना के साथ प्रतिभा दिखाने को कहा। उन्होंने कहा कि हार जीत कोई मायने नहीं रखती है। खेल में भाग लेने वाले ही वास्तविक खिलाड़ी होते है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। 20 से ज्यादा टीमें इस प्रतियोगिताओं में भाग ले रही है। योग, बॉलीबाल, कुश्ती व दौड़ प्रतियोगिताओं को संपन्न कराया जायेगा। खेलों के शुभारंभ अवसर पर सभी खिलाड़ियों ने मार्च पास्ट निकाला। इस दौरान विश्वविद्यालय के समस्त प्रोफेसर, कर्मचारी व स्टॉफ उपस्थित रहा।