उत्तराखंडवासियों ने कोरोना संक्रमण को दी मात, कुल 845 मरीज, आंकड़ा 2642 पर




गगन नामदेव
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण का असर बेमानी साबित होता दिखाई देने लगा है। उत्तराखंडवासियों की जबरदस्त एम्यूनिटी पावर ने कोरोना संक्रमण को मात दी है। जिसके चलते काफी संख्या में
सं​क्रमित मरीज ठीक होकर अपने घरों में आराम फरमा रहे है। फिलहाल उत्तराखंड में मात्र 845 मरीजों का कोरोना संक्रमण का इलाज चल रहा है। जबकि संक्रमित मरीजों की आज तक की संख्या 2642 पर पहुंच चुकी है। जिनमें से 1745 मरीज बिलकुल स्वस्थ हो चुके है। हरिद्वार, नैनीताल, उधमसिंह नगर, और पौड़ी गढ़वाल में सबसे ज्यादा संक्रमित मरीज स्वास्थ्य लाभ ले रहे है। जिसमें कुछ जनपदों में बच्चे भी शामिल है। कोरोना संक्रमण से खुद को बचाकर रखना ही सबसे बेहतर उपाय है।
चीन के बुहान से निकला कोरोना संक्रमण का जिन्न 22 मार्च 2020 को लॉक डाउन के बाद से भारत के विभिन्न राज्यों में फैलना शुरू हो गया। कोरोना संक्रमण ने उत्तराखंड में भी प्रवेश ​किया। हालांकि इस संक्रमण से जनता को सुरक्षित बचाने के लिए केंद्र सरकार की गाइड लाइन के अनुसार राज्य सरकार ने बेहतर चिकित्सा प्रबंध किए। जिला प्रशासन की टीम युद्ध स्तर पर जुट गई। जनता को संक्रमण से बचाने के लिए तमाम अथक प्रयास किए गए। जनता को महामारी की चपेट से बचाने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से अनुपालन कराया गया। लेकिन राज्य सरकार व जिला प्रशासन की तमाम को​शिशों के बावजूद कोरोना संक्रमण को फैलने से नही रोका जा सका। करीब तीन माह की इस अवधि में उत्तराखंड के 2642 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। ऐसे में बिना किसी दवाई के कोरोना को मात देने के लिए अब सिर्फ संक्रमित मरीज की मजबूत मानसिक स्थिति और संक्रमण से जूझने की ताकत की परीक्षा थी। जीवन और मृत्यु के बीच की इस परीक्षा को 1745 उत्तराखंडियों ने बहादुरी से पास किया। प्रशासन व सरकार को राहत महसूस हुई और उनका हौसला बढ़ा। हालांकि इस संक्रमण के चलते 35 लोगों को अपना जीवन भी खोना पड़ा। लेकिन कोरोना से जंग अभी जारी है। हरिद्वार में 119, देहरादून में 176, टिहरी में 86 उधमसिंह नगर में 104, अल्मोड़ा में 63, बागेश्वर में 17 चमोली में 23, चंपावत में 6 पौड़ी गढ़वाल में 75, पिथौरागढ़ में 15, रूद्रप्रयाग में 22,नैनीताल में 104,उत्तरकाशी में 35 संक्रमित मरीज अपनी मजबूत मानसिक ताकत से कोरोना संक्रमण से जंग लड़ रहे है। ये सभी मरीज भी जल्दी स्वस्थ होकर अपने घरों को पहुंचेगे। लेकिन इसके साथ ही आपको बेहद सावधान रहने की जरूरत है। अभी लापरवाही का वक्त नही बेहद समझदारी से काम लेने की जरूरत है।



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