उत्तराखंड पुलिस का जांबाज कांस्टेबल, दुर्घटना में पैर खोया और पदक जीतकर इतिहास रचा




नवीन चौहान
दिल में अगर जीतने का हौसलों हो तो कोई भी मुश्किल आपके कदम नही डिगा सकती है। ऐसा ही हौसला उत्तराखंड पुलिस के कांस्टेबल ने दिखाया। एक पैर खोने के बावजूद अपनी खेल प्रतिभा को निखारा और पदक जीतकर एक कीर्तिमान बनाया। इस जाबांज कांस्टेबल का नाम है शरद चंद्र जोशी। उत्तराखण्ड पुलिस से कांस्टेबल शरद चन्द्र जोशी ने बैडमिंटन के सिंगल एवं डबल्स इवेन्ट में कांस्य पदक अपने नाम किया। उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी अनिल रतूड़ी और पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने शरद को इस जीत के लिय बधाई दी और ​भविष्य के लिए शुभकामनाए दी है।
देहरादून के पुलिस मुख्यालय में पुलिस महानिदेशक देहरादून अनिल के रतूड़ी ने IWAS (International Wheelchair and Amputee Sports) World Games 2019 में पदक प्राप्त करने एवं उच्च प्रदर्शन करने वाले उत्तराखण्ड पुलिस के आरक्षी शरद चन्द्र जोशी से मिलकर उन्हें शुभकामनायें देते हुए भविष्य में होने वाली प्रतियोगिताओं के लिए कड़ी मेहनत व लगन से अभ्यास करने व स्वर्ण पदक प्राप्त करने हेतु प्रेरित किया गया। वही महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड अशोक कुमार ने भी शरद चंद्र जोशी को बधाई दी। उन्होंने बताया कि 10 फरवरी से 16 फरवरी तक Sharjah, United Arab Emirates में आयोजित हुए IWAS (International Wheelchair and Amputee Sports) World Games 2019 में देश का प्रतिनिधित्व करते हुए शरद चन्द्र जोशी ने पुलिस का नाम रोशन किया है। शरद चंद्र जोशी वर्ष 2005 से उत्तराखण्ड पुलिस का हिस्सा हैं और वर्तमान में 31वी वाहिनी पीएसी में सेवारत हैं। वर्ष 2015 में एक सड़क दुर्घटना में अपना बायां पैर खोने पर भी उन्होने अपना हौसला नहीं खोया। घुटने के ऊपर से amputee होने के बावजूद अपने कृत्रिम पैर के साथ अपनी मजबूत इच्छाशक्ति, साहस, मेहनत और लगन के बल पर यह उपलब्धी हासिल की।



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