नवीन चौहान
उत्तराखंड पुलिस के एक ईमानदार कांस्टेबल ने रिश्वत तो नही ली लेकिन रिश्वत की पेशकश करने वाले को ही जेल भेजने की धमकी दे डाली। रिश्वत देने वाला कोई सामान्य व्यक्ति नही उस जनपद का जिलाधिकारी था। जो कि भेष बदलकर पुलिस और प्रशासनिक व्यवस्थाओं का औचक निरीक्षण करने निकले थे। कांस्टेबल की ईमानदारी पर खुश होकर डीएम ने बाकायदा पांच हजार का इनाम देेने और सम्मानित करने का निर्णय किया है।
रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल भेष बदलकर केदारनाथ धाम के यात्रा मार्गो का निरीक्षण करने निकले थे। इस दौरान उन्होंने पैदल एक तीर्थयात्री बनकर आम जनता की तरह ही निजी वाहन लिया। इस दौरान उन्होंने एक पुलिस कांस्टेबल की ईमानदारी को परखा। जो उनकी कसौटी पर खरा सोना साबित हुआ। बात हुई कि कांस्टेबल मोहन सिंह की डयूटी सोनप्रयाग में थी। सोनप्रयाग से आगे वाहन जाने पर मनाही है। लेकिन निजी वाहन में सवार डीएम मंगेश घिल्डियाल सोनप्रयाग पहुंचकर कांस्टेबल मोहन सिंह से मिले। उन्होंने वाहन को गौरी कुंड तक ले जाने के लिए अनुमति देने को कहा। मोहन सिंह ने साफ तौर पर इंकार कर दिया। जिसके बाद डीएम ने दो सौ रूपये की रिश्वत देने की पेशकश की। लेकिन मोहन सिंह अपनी फर्ज पर डटा रहा और रिश्वत देने के आरोप में जेल भेजने की धमकी दी। जिसके बाद डीएम मंगेश घिल्डियाल चुपचाप वहां से निकल गए। लेकिन कांस्टेबल मोहन सिंह को ये नही पता चल पाया कि वो डीएम है। डीएम वहां से आगे निकल गए और यात्रा मार्गो का निरीक्षण करते रहे। अब जब डीएम ने कांस्टेबल मोहन सिंह की ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से प्रभावित होकर सम्मानित करने की बात आई तो खबर भी बनेंगी और चर्चा भी होगी। उत्तराखंड पुलिस के जवान मोहन सिंह ने खाकी का मान बढ़ाया है।