उत्तराखंड के सभी डीएवी स्कूलों में पढ़ाई शुरू, बच्चों को भेजी शिक्षण सामग्री




नवीन चौहान
वर्तमान परिस्थितियों में जहाँ सभी से सामाजिक दूरी बनाए रखना आवश्यक हो गया है वहीं भावनात्मक नजदीकी बनाना आवश्यक हो गया है और इसका माध्यम केवल शारीरिक रूप से सामने होना ही नहीं है अपितु तकनीकी माध्यम द्वारा अपनी भावनाओं को व्यक्त कर अपनों का/दूसरों का संबल बनाए रखना आवश्यक है, इसी श्रृंखला में डीएवी प्रबन्धकर्तृ समिति नई दिल्ली के प्रधान पद्मश्री डाॅ पूनम सूरी जी के मार्गदर्शन में डीएवी विद्यालय पहल करते नजर आ रहे हैं।
डीएवी हरिद्वार के प्रधानाचार्य एवं उत्तराखण्ड के डीएवी विद्यालयों के क्षेत्रीय अधिकारी श्री पीसी पुरोहित उत्तराखण्ड के डीएवी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को अपने विद्यालयों के बच्चों से जुड़े रहने का निर्देश दे रहे हैं, ताकि बालमन पर वर्तमान नकारात्मक परिस्थितियों के प्रभाव को कम किया जा सके तथा उनकी पढ़ाई भी जारी रहे, उनके समय का सदुपयोग हो। भले ही बच्चों के लिए विद्यालय जा पाना अभी सम्भव नहीं हो पा रहा है, किन्तु शिक्षक अपने विद्यार्थियों से तकनीकी माध्यम से जुड़े रहने का प्रयास कर रहे हैं।

श्री पुरोहित जी के निर्देशन में निम्नलिखित कार्य आरम्भ किए जा चुके हैं-
 कक्षा एलकेजी से कक्षा बारहवीं तक के विद्यार्थियों के कक्षावार व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं।
 सभी अध्यापकों को टाइम-टेबल उपलब्ध करवा दिया गया है जिससे कि वह उस टाइम-टेबल के अनुसार बच्चों के लिए कार्य/वर्कशीट इत्यादि समय से तैयार कर सकें।
 इन वर्कशीट/कार्य हो व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर किया जाए तथा इसके साथ-साथ जो पाठ पढ़ाया जा रहा है उसकी पाठ की पीडीएफ प्रतिलिपि भी गु्रप में शेयर की जाए, ताकि जिन बच्चों के पास किताबें नहीं है, उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो। साथ ही साथ विद्यार्थियों को उनके पाठ्यक्रम से सम्बन्धित कुछ मनोरंजक वीडियो भी उपलब्ध करवाए जाएं।
 बच्चों के माता-पिता इन भेजे गए कार्य/वर्कशीट को अपने मोबाइल अथवा कम्प्यूटर की सहायता से बच्चों को अभ्यास करवाएं।
 जिन विद्यार्थियों के पास नई कापियाँ उपलब्ध नहीं है, वे पिछले वर्ष की कापियों में अपना कार्य कर सकते हैं।
 पहली वर्कशीट/कार्य के अभ्यास के उपरान्त नई वर्कशीट/कार्य के साथ-साथ पिछली वर्कशीट/कार्य की उत्तर कुंजी भी व्हाट्सएप पर शेयर की जाए ताकि उस कार्य को सुन्दर एवं स्वच्छ लिखाई में बच्चों द्वारा कर लिया जाए।
 इस समय किए गए कार्य की विद्यालय खुलने पर अध्यापकों द्वारा जाँच की जाएगी।
 अभिभावकों के कार्य से सम्बन्धित यदि कोई संशय हैं तो उसका निवरण भी इन व्हाट्सएप ग्रुप पर किया जा रहा है।
 इन कार्य/वर्कशीट को विद्यालय के वैबसाइट पर बच्चों के व्यक्तिगत लाॅगइन पर डाला जा रहा है।
 कक्षा 9, 10 एवं 12 की पढ़ाई भी तकनीकी माध्यम से आरम्भ कर दी गई है और विद्यार्थी एवं अभिभावक संतुष्ट एवं प्रसन्न नज़र आ रहे हैं।
डीएवी की इस पहल की अभिभावक सराहना कर रहे हैं। बच्चे अपने विद्यालय, अपनी पढ़ाई की कमी महसूस कर रहे थे किन्तु अब उनका मनोबल बढ़ता नज़र आ रहा है।



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