नवीन चौहान
सरकारी वेतन लेने वाले बिजली विभाग के अधिकारी कितने जिम्मेदार है इसका अंदाजा इस घटना को देखकर लगाया जा सकता है। एक अज्ञात खनन का वाहन रात के अंधेरे में बिजली के पोल में टक्कर मार देता है। सरकारी बिजली का खंबा टूट जाता है। 11 हजार की लाईन एक ब्लास्ट के साथ बंद हो जाती है। हजारों की संख्या में आबादी अंधेरे में रहती है। सुबह बिजली विभाग के अधिकारियों को पता चलता है तो वह बिजली खंबे को ठीक कराने की व्यवस्था बनाने में जुट जाते है। सुबह करीब 10 बजे लाईन मैन टिंकू मौके पर पहुंचता है। अधिकारियों को जानकारी देता है। अधिकारी नया खंबा लगाने की बात कहते है। खंबे मंगाया जाता है। बिजली विभाग खंबे को खड़ा करने की जद्दोजहद में जुट जाते है। बड़ा सवाल ये कि सरकारी संपत्ति का नुकसान कौन भरेंगा। अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई क्यो नही की गई। घटना जगजीतपुर के राजागार्डन की है।
मध्य रात्रि करीब एक बजे के अचानक बिजली गुल हो जाती है। सुबह जब बिजली विभाग से मालूम किया गया तो पता चला कि राजागार्डन के पास बिजली का खंबा टूट गया है। मौके पर जाकर देखा आसपास के लोगों से पूछताछ की गई तो बिजली के खंबे को एक खनन के डंपर वाहन ने टक्कर मारी है। मौके पर मौजूद लाइन मैन ने भी खनन के वाहन से टक्कर लगने की जानकारी दी। सुबह करीब साढ़े 10 बजे मौके पर एसडीओ राम मनोहर शर्मा पहुंचे। उन्होंने दूसरे खंबे की व्यवस्था कराई। जिसके बाद टूटी हुई लाइन को जोड़ने और खंबे को खड़ा करने का कार्य किया जा रहा है। जब एसडीओ राम मनोहर शर्मा से जानकारी ली गई कि सरकारी संपत्ति की भरपाई कौन करेंगा तो वह सकपका गए। जब इस घटना की जबावदेही के लिए पूछा गया तो उन्होंने बताया कि आरोपी अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जायेगा। ऐसे में देखना होगा कि वाहन चालक पकड़ में आयेगा।