परमार्थ निकेतन में शहीद हुये जवानों को दीप जलाकर दी श्रद्धांजलि




सोनी चौहान
परमार्थ निकेतन में पुलवामा में शहीद हुये जांबाज जवानों को गंगा के तट पर दीप जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों और श्रद्धालुओं ने विश्व शान्ति यज्ञ में आहुति समर्पित कर जांबाजों की शहादत को नमन किया।
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती के पावन सान्निध्य में पुलवामा हमले में शहीद हुये 40 जांबाज जवानों की शहादत को याद करते हुये ऋषिकुमारों ने पौधों का रोपण कर भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि आज पूरे विश्व को शान्ति की जरूरत है; सब शान्ति चाहते है ताकि राष्ट्रों की सीमाओं पर फिर किसी भी माँ को अपना बेटा न खोना पड़े। विगत वर्ष पुलवामा में हुआ अटैक केवल पुलवामा पर नहीं था बल्कि प्रत्येक भारतवासी के दिल पर था। हमें गर्व है अपने जवानों पर और उनके परिवार वालों पर जिन्होने देश पर शहीद होने वाले शेरों को जन्म दिया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि हर भारतवासी और आगे आने पीढ़ियां हमेशा शहीदों की शहादत को गर्व के साथ याद करते हुये नमन करेगी। उन्होने कहा कि देश की रक्षा के लिये अपने प्राणों का बलिदान करने के लिए साहस और असाधारण प्रतिभा की जरूरत होती है। हमारे जांबाज साहस के धनी थे। जिन्होने देश सेवा में अपने प्राणों का बलिदान कर दिया। स्वामी ने कहा कि भारत सदियों से जिंदा है और शताब्दियों तक जिंदा रहेगा क्योकि भारतीय सेना, सरकार और भारतवासियों का संकल्प मजबूत है वे शान्ति के रास्ते पर चलना जानते है और दुश्मनों को सबक सिखाना भी जानते है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि 14 फरवरी को पूरी दुनिया वेलेंटाइन डे मनाती है और अपने-अपने तरीके से लोग प्रेम का इजहार करते है। परन्तु आज से 1 वर्ष पूर्व सीआरपीएफ के जांबाजों में भारत माता के प्रेम में अपना जीवन समर्पित कर दिया। युवाओं को संदेश देते हुये कहा कि प्रेम बांटना अच्छी बात है परन्तु प्रेम, क्षणिक नहीं शाश्वत होना चाहिये उससे केवल स्वयं को ही खुशी न मिले बल्कि उस खुशी में अपने परिवार, प्रकृति और पर्यावरण को भी शामिल करें। उन्होने कहा कि आज के दिन युवा पार्क में जाते हैं परन्तु वहां पर जाकर प्रदूषण न फैलाये बल्कि स्वच्छता का ध्यान रखे। अपने देश को प्रेम करें अपनी धरती को प्रेम करें।
परमार्थ गंगा तट पर होने वाली दिव्य गंगा आरती पुलवामा शहीदों को समर्पित की गयी।

 



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