विकास गर्ग
ग्राहकों को आन लाइन शॉपिंग कराने की तैयारी कर रही केंद्र सरकार के इस फैसले के विरोध में हरिद्वार के व्यापारी आ गए है। व्यापारी सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर अपनी भड़ास निकालकर सरकार को खरी—खरी सुना रहे है। ग्राहकों को आन लाइन सामान नही खरीदने की सलाह दे रहे है। इसके अलावा सामान की डिलीवरी करने वाले युवकों को कॉलोनी में घुसने से भी रोकने की चेतावनी भी दे रहे है। लाक डाउन पीरियड में आर्थिक तंगी और मुसीबतों का सामना कर रहे हरिद्वार के व्यापारी आन लाइन शॉपिंग कराने के सरकार के फैसले से पूरी तरह से नाखुश नजर आ रहे है।
कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने पूरे देश में लाक डाउन किया है। करीब एक माह से पूरे देश लाक डाउन जारी है। जिसके चलते देशभर के तमाम बाजार बंद है। फिलहाल 3 मई तक के लिए के लाक डाउन की अवधि को बढ़ाया गया है। लेकिन जनता की परेशानी को देखते हुए केंद्र सरकार ने आन लाइन खरीददारी करने पर विचार किया। ग्राहकों की तमाम घरेलू समस्याओं को देखते घर बैठे सामान देने की सुविधा प्रदान करने के लिए आल लाइन शॉपिंग का रास्ता निकाला। लेकिन जब आन लाइन शॉपिंग की बात दुकानदारों और व्यापारी संगठनों को पता चली तो सभी के कान खड़े हो गए। सभी ने सोशल मीडिया पर विरोध जताना शुरू कर दिया। व्यापारियों ने अपने—अपने तर्क रखे। ज्वालापुर के व्यापारी पुनीत गोयल ने बताया कि जब हम घर बैठे कर्मचारियों को वेतन दे रहे है। बिजली के बिल और सरकार को टैक्स दे रहे है तो हमारे प्रतिष्ठानों को खोलने की अनुमति क्यो नही दी जा रही है। सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए दुकानदारों को कारोबार करने की अनुमति प्रदान की जाए। ताकि ग्राहकों की जरूरत पूरी हो सके और आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे व्यापारी अपनी देनदारी चुका सकें।
समाजसेवी और व्यापारी नेता विशाल गर्ग ने बताया कि आन लाइन शॉपिंग शुरू कराना व्यापारियों के साथ धोखा देने जैसा है। केंद्र व राज्य सरकार के कदम से कदम मिलाकर सहयोग करने वाले व्यापारी घर में बैठे है। जबकि आन लाइन शॉपिंग से लाखों व्यापारियों का कारोबार चौपट हो जायेगा। जबकि मध्यमवर्गीय व्यापारियों की कमर टूट जायेगी और अपने कर्मचारियों को सहयोग करने में असमर्थ होंगे। ऐसे में सरकार को आन लाइन शॉपिंग को तत्काल रोक लगानी चाहिए।
हरिद्वार के व्यापारी आन लाइन शॉपिंग के खिलाफ, सोशल मीडिया पर निकाल रहे भड़ास



