नवीन चौहान,
डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल हरिद्वार के तीन प्रतिभाशाली बच्चों ने राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा में जगह बनाने में सफलता प्राप्त की है। इन बच्चों ऋषभ शुक्ला ने उत्तराखंड में 12 वीं रैंक हासिल की है. वही आरुषि चौधरी ने 26 सी रैंक हासिल की है जबकि आयुष धीमान ने 37 वी रैंक हासिल की है. स्कूल के प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने बच्चों को आशीर्वाद देते हुए उनके उज्वल भविष्य की कामना की है. वहीं दूसरी और बच्चों की इस उपलब्धि से बच्चों के परिजनों में भी खुशी की लहर है। बच्चों के परिजनों ने भी बच्चों की इस उपलब्धि के लिए स्कूल टीचर्स और प्रधानाचार्य का दिया गया सही मार्गदर्शन बताया है।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (एन.सी.ई.आर.टी.) की स्था्पना भारत सरकार द्वारा वर्ष 1961 में देश में विद्यालयी शिक्षा में गुणात्मकक सुधार लाने की दृष्टि से की गई। स्थापना के बाद शीघ्र ही परिषद् ने इस दिशा में बहुत से कार्यक्रम तैयार किए। ऐसा ही एक कार्यक्रम प्रतिभावन विद्यार्थियों की पहचान एवं उन्हेंह प्रोत्साहित करना था। वर्ष 1963 में इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय विज्ञान प्रतिभा खोज योजना (एन.एस.टी.एस.एस.) नामक योजना के रूप में प्रतिपादित किया गया जिसमें प्रतिभावान विद्यार्थियों की पहचान और उन्हेंव छात्रवृत्तियों द्वारा पुरस्कृरत करने का प्रावधान था। इस योजना के कार्यान्ववयन के प्रथम वर्ष के दौरान, यह दिल्ली के संघ राज्य – क्षेत्र तक ही सीमित था जिसमें कक्षा XI के विद्यार्थियों को केवल 10 छात्रवृतियाँ प्रदान की जाती थीं।
राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा ( National Talent Search Examination अथवा एनटीएसई) भारत में राष्ट्रीय-स्तर की छात्रवृत्ति योजना है, जिसमें उच्च बौद्धिक एवं शैक्षिक क्षमता वाले छात्रों की पहचान की जाती है। इसके लिये केवल वे छात्र ही परीक्षा में बैठ सकते हैं, जो दसवीं कक्षा में पढ़ रहे हों। यह राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा संचालित है।