स्वीडन के महाराज और महारानी ने 14 एमएलडी क्षमता के सीवेज शोधन संयत्र का किया लोकार्पण




सोनी चौहान
नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य के हरिद्वार जनपद में हाईब्रिड एम्यूनिटि वित्तीय मॉडल पर आधारित 14 एमएलडी क्षमता के सीवेज शोधन संयत्र का लोकार्पण मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत तथा मंत्री जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार गजेंद्र सिंह शेखावत ने संयुक्त रूप से आज सराय में स्वीडन के महाराज नरेश कार्ल 16वें गुस्ताफ और महारानी सिल्विया की गरिमामयी उपस्थिति में किया। महाराजा और महारानी ने शोधन संयत्र का भौतिक निरीक्षण कर इसकी कार्य प्रणाली की जानकारी विभागीय अधिकारियों से ली। उन्होंने नमामि गंगे तथा पर्यटन विभाग की ओर से लगायी गयी प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।


मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भारत के पहले हाईब्रिड शोधन संयत्र के लोकार्पण के अवसर पर उत्तराखण्ड राज्य तथा भारत की तरफ से सभी विदेेशी अतिथियों का स्वागत किया। राज्य सरकार के प्रयास से यंत्र स्थापित और संचालित होने की यहां तक की यात्रा को सफल बताते हुए मुख्यमंत्री ने विभागों की सराहना की। उन्होंने कहा कि 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से प्रधानमंत्री ने गंगा स्वच्छता एवं राष्ट्रीय जल संसाधनों के सुदृढीकरण के लिए ठोस कदम उठाये हैं। उसी कड़ी में सिंगल यूज प्लास्टिक का बैन होना भी गंगा की स्वच्छता और निर्मलता को बढ़ायेगा।


सीएम रावत ने कहा कि शोधित जल सिंचाई के लिए किसानो को मिलेगा जिससे रासायनिक पदार्थाे की आवश्यकता कृषको को नहीं होगी। यह जल सिंचाई के साथ-साथ फसल को जैविक खाद्य की तरह पोषित करेगा।
उन्होंने कहा कि गंगा को पूर्णतः स्वच्छ बनाना हमारा लक्ष्य है जिसमें सभी की संयुक्त सहभागिता की आवश्यकता है। हर व्यक्ति को गंगा की स्वच्छता के लिए प्लास्टिक को त्यागना होगा। हम सब को मिलकर सोचना होगा कि आने वाली पीढ़ियों को हम कैसा भविष्य देकर जायेंगे।


इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, विधायक सुरेश राठौर, आदेश चौहान, मेयर अनिता शर्मा, राजीव रंजन मिश्र डीजी नेशलन मिशन फोर क्लीन गंगा, भारतीय राजदूत मोनिका कपिल, स्वीडन के राजदूत डॉ माजा फियास्ता, क्लास मोलिन सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहें।



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