स्वीडन के महाराजा की सुरक्षा में भारी चूक, जानिए पूरी खबर




नवीन चौहान
स्वीडन के नरेश कार्ल 16वें गुस्ताफ और महारानी सिल्विया की सुरक्षा में भारी चूक देखने को मिली। ये बड़ी चूक नमामि गंगे के आयोजकों और पीआर कंपनी की तरफ से हुई। आयोजकों ने मीडिया को कार्यक्रम स्थल पर जाने के लिए गिनती के महज 35 पास जारी किए। जो पास जारी किए गए वो आमंत्रण पत्र पर ही सूचना विभाग की मोहर लगाकर दे दिए गए। महज एक आमंत्रण पत्र पर मोहर लगाकर देने को पास बताकर पत्रकारों को कार्यक्रम स्थल पर जाने की अनुमति मान लिया गया। इस कार्ड पर किसी पत्रकार का कोई नाम, फोन नंबर तथा फोटो तक नही था। इससे आप खुद ही अंदाजा लगा सकते है कि ये कितनी बड़ी चूक है। अगर ये कार्ड पत्रकारों से खो जाए और कोई अनहोनी घटित हो जाती तो कौन जिम्मेदार होता। ये एक बड़ा सवाल है। जिला प्रशासन को इस बारे में सोचना होगा। ताकि इस लापरवाही की पुनरावृत्ति ना हो और पत्रकारों को भी अपमानित ना होना पड़े।


स्वीडन के महाराजा का उत्तराखंड आगमन पर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध होते है। दिल्ली एंवेसी खुद सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लेती है। एमवेंसी की तरफ से तमाम सुरक्षा के व्यापक प्रबंध भी किए गए थे। इसके अलावा एसएसपी हरिद्वार सेंथिल अबुदई कृष्णराज व जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी ने भी सुरक्षा के चाक चौबंद प्रबंध किए हुए थे। एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज के निर्देशों पर भारी पुलिस बल मुस्तैदी के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने वालों की पहचान करने के बाद कार्यक्रम स्थल पर जाने की अनुमति दे रहा था।

 

    

लेकिन इन सबके बीच मीडिया के पास को लेकर जो अव्यवस्था हुई। उनके आयोजकों की लापरवाही को उजागर किया। खुद जिला सूचना अधिकारी अर्चना ने पीआर कंपनी की संचालिका को लापरवाही के लिए सख्त चेतावनी दी। भविष्य में इस प्रकार की कोई गलती ना होने की हिदायत दी। बताते चले कि रूड़की की पीआर कंपनी सवितु रिसर्च एंड कंम्यूनिकेशन की संचालिका पूजा की ओर से डिजीटल कार्ड मोबाइल पर बांट कर मीडिया और अन्य लोगों को आमंत्रित किया गया। जिसके बाद मोबाइल पर डिजीटल कार्ड लेकर मीडिया कार्यक्रम स्थल पहुंची तो पुलिस के अधिकारियों ने कार्ड पर जाने की अनुमति नही दी। जिसके बाद वहां भी अव्यवस्था हुई। आखिरकार नमामि गंगे और पीआर कंपनी के बीच तालमेल नही होने के चलते भी सुरक्षा में चूक देखने को मिली।


नमामि गंगे से जुड़े पूरन कापड़ी ने बताया कि हाईसिक्योरिटी जोन की तरफ से सुरक्षा के चलते 100 लोगों के बैठने की व्यवस्था थी। जिसके लिए मीडिया के 30 लोगों को पास जारी करने के लिए जिला सूचना विभाग को बताया गया था। 30 आमंत्रण पत्र सूचना विभाग को भिजवाए गए थे। आमंत्रण पत्र पर ही मोहर लगाकर पास जारी किए गए। एक पास पर एक ही व्यक्ति के जाने की अनुमति थी।



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