ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट परीक्षा में कर रहे चीटिंग




प्रियंका 
ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट परीक्षा में खुलकर चीटिंग कर रहे है। स्टूडेंट को चीटिंग करने में सबसे अधिक मदद गूगल गुरू कर रहा है। गूगल गुरू टीचरों की मेहनत पर पानी फेर रहा है। बच्चे अपनी होशियारी पर बहुत खुश हो रहे है। जबकि हकीकत में चीटिंग करने वाले सभी स्टूडेंट का कैरियर चौपट हो रहा है। कोरोना संक्रमण से सबसे अधिक नुकसान अगर किसी का हुआ है तो वह ​शिक्षा के क्षेत्र में हुआ है। स्कूली बच्चे छह माह से घरों में कैद है। बच्चों की पढ़ाई बंद है। ऑनलाइन पढ़ाई महज एक मनोरंजन बनकर रह गई है। पढ़ाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। ऐसे में भारत सरकार को स्टूडेंट के बारे में गंभीरता से विचार करना होगा।
कोरोना संक्रमण काल के चलते भारत के सभी स्कूल बंद है. स्कूली बच्चों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए घरों पर ही रखने की हिदायत दी गई है. बच्चों का पढ़ाई से संपर्क ना टूटे इसके लिए ऑनलाइन एजुकेशन प्रारंभ की गई. अगर हरिद्वार के स्कूलों की बात करें तो निजी स्कूलों ने ऑनलाइन एजुकेशन प्रारंभ कर दी है. स्कूल प्रतिदिन बच्चों को पढ़ा रहे हैं होमवर्क दे रहे हैं. घर में बोर हो रहे हैं बच्चे भी ऑनलाइन टीचर और दोस्तों को देखकर बेहद खुश हैं. लेकिन बात पढ़ाई की करें तो पढ़ाई बिल्कुल चौपट है. ऑनलाइन पढ़ाई बच्चों के लिए एक मनोरंजन बनकर रह गई है. बच्चों ने मनोरंजन का सबसे अधिक मजा परीक्षाओं में लिया. जब शिक्षकों ने मेहनत करके प्रश्नपत्र तैयार किया.. लेकिन बच्चों ने गूगल गुरु की मदद से सभी प्रश्नों का सटीक उत्तर देकर अपनी विद्वता का प्रदर्शन किया. बच्चों की हाजिर जवाबी को देखकर टीचर बहुत खुश हुए. वहीं दूसरी ओर बच्चे अपनी चतुराई पर मुस्कुरा रहे हैं। आखिरकार ये व्यवस्था कब तक ऐसे ही चलेगी। जो टीचर कल तक मोबाइल से दूर रहने की नसीहत देते थे। आज वीडियो काल में चेटिंग करते है। मां बाप बच्चों का मोबाइल लेने का साहस नही दिखा पा रहे है। आखिरकार हम कहां जा रहे है। भारत के बच्चे आन लाइन एजूकेशन मोड में आने को तैयार नही है। ये तो क्लास रूम में टीचर के सामने बैठकर ही पढ़ सकते है। ऐसे में बच्चों का भविष्य बचाने के लिए सरकार को प्रभावी कदम उठाने होंगे।



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