नवीन चौहान
हरिद्वार के कोटा क्लासेज के स्टूडेंटस विश्व पटल पर ख्याति अर्जित कर रहे है। चिकित्सा और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सफलता हासिल करने के बाद देश के विभिन्न प्रतिष्ठानों में अपनी सेवाएं दे रहे है। छात्रों की इस सफलता के पीछे कोटा क्लासेज के डायरेक्टर डॉ रवि वर्मा के अथक परिश्रम और प्रयासों का जिक्र करना जरूरी है। जिन्होंने एक दशक के भीतर हरिद्वार के सैंकड़ों बच्चों के जीवन का निर्माण किया। विद्यार्थियों को बेहतर मार्गदर्शन दिया और पढ़ने के लिए सर्वश्रेष्ठ पुस्तके उपलब्ध कराई। यही कारण है कि विश्व पटल पर मुकाम हासिल कर रहे उनके स्टूडेंटस आज भी अपने गुरू रवि वर्मा के मुरीद है।
साल 2010 में हरिद्वार में निजी शिक्षण संस्थान कोटा क्लासेज की शुरूआत डॉ रवि वर्मा ने की थी। उस दौरान छात्रों को कोचिंग इंस्टीटयूट तक लाना और उनके अभिभावकों का भरोसा जीतना रवि वर्मा के लिए एक चुनौती था। रवि वर्मा को खुद को साबित करने के लिए अपने स्टूडेंट को सफलता अर्जित करानी थी। कोटा क्लासेज के डायरेक्टर डॉ रवि वर्मा ने बेहद कम फीस पर ही छात्रों को पढ़ाना शुरू कर दिया। खुद को साबित करने के लिए दिन रात बच्चों को समर्पित कर दिया। गुरू और शिष्यों की मेहनत रंग लाई और स्टूडेंटस ने बेहतर परिणाम दिए। ये वो कठिन दौर था जब डॉ रवि वर्मा कोटा क्लासेज को स्थापित करने के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर रहे थे। वक्त बीतता चला गया और कोटा क्लासेज के स्टूडेंटस मेडिकल और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सफलता की गाथा लिखने लगे। इन एक दशक के भीतर कोटा क्लासेज के सैंकड़ों छात्र—छात्रा अपने कैरियर में बहुत आगे बढ़ गए। यही कारण है कि आज कोटा क्लासेज भी एक नामी प्रतिष्ठान बन गया है। जहां अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ाने और कोचिंग कराने के इच्छुक रहते है। डॉ रवि वर्मा की सबसे बड़ी खूबी ये भी है कि बच्चों की आर्थिक स्थिति को शिक्षा के बीच में नही आने देते है। गरीब बच्चों के लिए तमाम सुविधाएं भी उपलब्ध कराते है।
हरिद्वार के कोटा क्लासेज के स्टूडेंटस विश्व पटल पर ख्याति अर्जित कर रहे है। चिकित्सा और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सफलता हासिल करने के बाद देश के विभिन्न प्रतिष्ठानों में अपनी सेवाएं दे रहे है। छात्रों की इस सफलता के पीछे कोटा क्लासेज के डायरेक्टर डॉ रवि वर्मा के अथक परिश्रम और प्रयासों का जिक्र करना जरूरी है। जिन्होंने एक दशक के भीतर हरिद्वार के सैंकड़ों बच्चों के जीवन का निर्माण किया। विद्यार्थियों को बेहतर मार्गदर्शन दिया और पढ़ने के लिए सर्वश्रेष्ठ पुस्तके उपलब्ध कराई। यही कारण है कि विश्व पटल पर मुकाम हासिल कर रहे उनके स्टूडेंटस आज भी अपने गुरू रवि वर्मा के मुरीद है।
साल 2010 में हरिद्वार में निजी शिक्षण संस्थान कोटा क्लासेज की शुरूआत डॉ रवि वर्मा ने की थी। उस दौरान छात्रों को कोचिंग इंस्टीटयूट तक लाना और उनके अभिभावकों का भरोसा जीतना रवि वर्मा के लिए एक चुनौती था। रवि वर्मा को खुद को साबित करने के लिए अपने स्टूडेंट को सफलता अर्जित करानी थी। कोटा क्लासेज के डायरेक्टर डॉ रवि वर्मा ने बेहद कम फीस पर ही छात्रों को पढ़ाना शुरू कर दिया। खुद को साबित करने के लिए दिन रात बच्चों को समर्पित कर दिया। गुरू और शिष्यों की मेहनत रंग लाई और स्टूडेंटस ने बेहतर परिणाम दिए। ये वो कठिन दौर था जब डॉ रवि वर्मा कोटा क्लासेज को स्थापित करने के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर रहे थे। वक्त बीतता चला गया और कोटा क्लासेज के स्टूडेंटस मेडिकल और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सफलता की गाथा लिखने लगे। इन एक दशक के भीतर कोटा क्लासेज के सैंकड़ों छात्र—छात्रा अपने कैरियर में बहुत आगे बढ़ गए। यही कारण है कि आज कोटा क्लासेज भी एक नामी प्रतिष्ठान बन गया है। जहां अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ाने और कोचिंग कराने के इच्छुक रहते है। डॉ रवि वर्मा की सबसे बड़ी खूबी ये भी है कि बच्चों की आर्थिक स्थिति को शिक्षा के बीच में नही आने देते है। गरीब बच्चों के लिए तमाम सुविधाएं भी उपलब्ध कराते है।