श्रीदेव सुमन यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार की ईमानदारी से बौखलाए भ्रष्टाचारी




नवीन चौहान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म का संकल्प और उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार की जीरो टालरेंस की मुहिम को साकार करने में उत्तराखंड श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ दीपक भट्ट पूरी तन्मयता के साथ जुटे है। काम के प्रति उनकी लगन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सात माह के कार्यकाल में उन्होंने भ्रष्टाचारियों की नींद उडा दी है। विश्वविद्यालय के भ्रष्ट अधिकारी उनकी तैनाती से पूरी तरह से बौखलाए हुए है। विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त निजी कॉलेजों की उम्मीदों को लगातार करारे झटके लग रहे है। नकल विहीन परीक्षा कराने के कारण उनको झूठी शिकायतों का सामना तक करना पड़ा। ऐसे में श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के अग्रिम पंक्ति में आने की उम्मीद भी दिखाई पड़ने लगी है।
अक्सर अपने कार्यो को लेकर विवादों की सुर्खियां बटोरने वाले श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में 12 जून 2018 को रजिस्ट्रार पद पर डॉ दीपक भट्ट की तैनाती हुई। कुलसचिव का पदभार ग्रहण करने के एक माह के भीतर ही डॉ दीपक भट्ट ने सबसे पहले श्रीदेव सुमन की प्रतिमा को मुख्यालय में स्थापित कराकर अपने इरादे जाहिर कर दिए। इसी बीच 16 जून को परीक्षा केंद्रों पर छापेमारी की और नकलचियों को खुद अपने हाथों से पकड़ा। कुलसचिव के आक्रामक तेवर देखने के बाद विश्वविद्यालय परिसर और निजी कॉलेजों में हड़कंप मचना शुरू हो गया। कुलसचिव ने अपने घर को सुधारने की दिशा में पहल करते हुए विश्वविद्यालय में बॉयोमैट्रिक उपस्थिति शुरू करा दी। जिसके बाद लेट लतीफ बाबूओं की तकलीफ बढ़नी शुरू हो गई। कुलसचिव के देर रात्रि तक काम करने के सिलसिले ने विरोधियों की संख्या में इजाफा करना शुरू कर दिया था। इसी बीच कुलसचिव डॉ दीपक भट्ट ने सेमेस्टर प्रणाली का ऑर्डिनेंस तैयार कराना और शोध कार्यो हेतु ऑर्डिनेंस तैयार कराने का कार्य शुरू कर दिया। विश्वविद्यालय की परीक्षा परिणाम भी समय पर आने लगे। विश्वविद्यालय की सेवानियमावली की रूपरेखा बनाने का कार्य प्रगति पर लाया गया। कुलसचिव डॉ दीपक भट्ट लगातार नई ऊर्जा के साथ विश्वविद्यालय की उन्नति के लिए कार्य करते रहे। कुलसचिव की कार्य के प्रति संजीदगी देख लापरवाह अधिकारी की हवा निकलनी शुरू हो गई। कुलसचिव का सात माह का कार्यकाल कुलपति के सात साल के कार्यो पर भारी दिखाई पड़ने लगा। लेकिन कुलसचिव दीपक भट्ट ने अपने काम की मुहिम को जारी रखा और परीक्षा केंद्रों को नकल विहीन बनाने की रणनीति पर कार्य शुरू कर दिया। उन्होंने तमाम परीक्षा केंद्रों पर प्रतिदिन उत्तर पुस्तिकाओं का संकलन नोडल सेंटर पर करना लागू किया। इसी के साथ परीक्षा केंद्रों पर खुद निरीक्षण करना शुरू कर दिया। कुलसचिव दीपक भट्ट की लगन और कर्तव्यनिष्ठा से विश्वविद्यालय एक नये कीर्तिमान को बनाने की दिशा में बढ़ रहा है। वही विरोधियों के सुर भी ढीले पड़ने शुरू हो गए है।



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