कांस्टेबल में भी होता है दिल, जिसमें परिवार से मिलने की होती है चाहत, जानिये पूरी खबर




नवीन चौहान, हरिद्वार। कांस्टेबल पुलिस महकमे की रीढ़ की हड्डी होते है। कानून का अनुपालन कराने और जनता की सुरक्षा के लिये कांस्टेबल अपना जीवन समर्पित करते है। सर्दी, गर्मी और बरसात में भी पूरी मुस्तैदी के साथ कर्तव्यनिष्ठा का पालन करते है। वीवीआईपी और वीआईपी की सुरक्षा व्यवस्था में एक पांव पर खड़े रहते है। पर ये कांस्टेबल भी इंसान होते है। जिनके अंदर एक दिल धड़कता है। अपने परिवार के लिये दर्द उठता है। मां, पिता, पत्नी और बच्चों से मिलने की चाहत होती है। वह परिवार जिसको मीलों दूर छोड़कर ये कांस्टेबल अपनी पुलिस ड्यूटी निभाते है। पुलिस ड्यूटी के सामने खुद इनके परिवार की जिम्मेदारी भी कहीं पीछे छूट जाती है। ऐसी स्थिति में सरकार और पुलिस अफसरों को इन जवानों की समस्याओं पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिये। अगर किसी जवान की कोई परेशानी है तो उसको दूर करने का हरसंभव प्रयास करना चाहिये। अगर पुलिस अफसरों और सरकार के नुमाइंदों ने पुलिस के जवानों की समस्याओं पर संजीदगी नहीं दिखाई तो उत्तर प्रदेश के मैनपुरी की घटनाओं की पुनरावृत्ति होती रहेगी। सिस्टम पर सवाल उठते रहेंगे।
यूपी के मैनपुरी जनपद में जिला मुख्यालय में एक सिपाही ने खुद को गोली मार ली। घायल सिपाही को मुख्यालय के आॅफिस में बैठे एक एएसपी ने तत्काल अस्पताल पहुंचाया। जहां सिपाही को प्राथमिक उपचार देने के बाद आगरा के अस्पताल में रैफर कर दिया गया। जहां अभी तक उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। इसी बीच उस सिपाही का एक आॅडियो वायरल हुआ है। आॅडियों में उक्त सिपाही बीमार होने के कारण अपने अधिकारी से छुट्टी मांग रहा है। जबकि अधिकारी छुट्टी देने का तैयार नहीं है। वह सिपाही बिना बताये घर चला जाता है और अनुशासनहीनता में उसको सस्पेंड कर दिया जाता है। इसी सस्पेंशन से मानसिक तौर पर परेशान सिपाही ने खुद को गोली मारकर सिस्टम के आगे सवाल खड़ा कर दिया है। क्या वाकई पुलिस महकमे में कांस्टेबल डिप्रेशन में ड्यूटी करते है। पुलिस ड्यूटी से छुट्टी जाने के लिये अफसरों के सामने विनती करनी पड़ती है। अनुशासित समझे जाने वाले पुलिस महकमे में कांस्टेबलों की पीड़ा को अफसर सुनने और समझने को तैयार नहीं है। इस घटना ने कई सवाल जनता के सामने खड़े कर दिये है। सरकार और पुलिस अफसरों को इन जवानों के बारे में सोचना चाहिये। आपकों बताते दे कि गत दिनों उत्तराखंड में मिशन आक्रोष के रुप में कांस्टेबलों ने दर्द बाहर निकाला था। इस मिशन आक्रोष को चलाने वाले कई कांस्टेबलों पर मुकदमे तक दर्ज हुये थे। एक बार फिर यूपी के जवान का आॅडियों उत्तराखंड पुलिस महकमे में तेजी से वायरल हो रहा है।



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