संजीव शर्मा
सैंकड़ों वर्षों के बाद विश्व में दिखायी देने वाले दुर्लभ कुंडलाकार सूर्य ग्रहण को लोग देख रहे हैं। मेरठ में यह सूर्य ग्रहण 10 बजकर 21 मिनट से शुरू हो गया है। मेरठ में प्रगति विज्ञान संस्था के माध्यम से यह सूर्यग्रहण दिखाया जा रहा है। सुशांत सिटी स्थित प्रगति विज्ञान संस्था के कार्यालय में सूर्यग्रहण को दिखाये जाने की पूरी तैयारी की गई है, यही नहीं इस कार्यालय में बाल वैज्ञानिक भी सूर्यग्रहण को लेकर अपने प्रयोग करने में जुटे हैं।
प्रगति विज्ञान संस्था के दीपक शर्मा ने बताया कि सूर्य ग्रहण के समय सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी होगी 150235882 किमी तथा पृथ्वी व चंद्रमा के बीच दूरी 391482 किमी होगी। यह दूरियों का संबंध ही इसे कुंडलाकार बनाएगा। अधिकतम कंगन की शक्ल 30 सेकंड तक रहेगी। यह स्थिति लगभग 900 वर्षों बाद दोहराई जा रही है। 5 जुलाई को फिर चंद्र ग्रहण देखने को मिल रहा है ।
मेरठ में सूर्याग्रहण 10 बजकर 21 मिनट से सूर्यग्रहण प्रारम्भ होगा और 12 बजकर 3 मिनट पर अधिकतम होगा साथ ही एक बजकर पचास मिनट पर समाप्त होगा। इसे प्रगति विज्ञान संस्था के सुशांत सिटी स्थित कार्यालय से दिखाया जा रहा है। यहां विशेषज्ञों की एक टीम तैयार की गई हैं जो विभिन्न प्रयोगों को भी करेगी।
1. बॉल मिरर प्रोजेक्टर
2. पिन हॉल कैमरा
3. टेलिस्कोप से सोलर फिल्म के माध्य्म से
4. सौलर चश्मो के माध्य्म से,
5. सौलर स्कोप के द्वारा।
6. कैमरे में सौलर फिल्टर लगा कर।
7. तापमान में होने वाले बदलाव को भी अध्यन किया जाएगा।