सहारनपुर : शब्बीरपुर के पीड़ितों को आर्थिक सहायता देगी बसपा




सहारनपुर। जनपद के बड़गांव थाना क्षेत्र के गांव शब्बीरपुर में हुई जातीय हिंसा के बाद करीब बीस दिन बाद बसपा सुप्रीमो मायावती मंगलवार क ो गांव शब्बीरपुर पहुंची और पीड़ित दलितों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर दलितों पर अत्याचार सहन नहीं किया जाएगा। आरोप लगाया कि प्रदेश की भाजपा सरकार प्रदेश में जातीय दंगे करा रही है। मायावती ने घोषणा की कि बसपा के पार्टी फंड से पीड़ित दलितों को 50 और 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
ज्ञात हो कि विगत पांच मई को जातीय संघर्ष हो गया था, जिसमें करीब एक दर्जन दलित परिवारों के मकानों को आग लगा दी गई थी। करीब बीस दिन बाद मंगलवार शाम करीब पौने पांच बजे मायावती गांव शब्बीपुर पहुंची। गांव पहुंचने पर उन्होंने आगजनी के शिकार हुए दलित परिवारों के घर जाकर स्थिति और नुकसान का जायजा लिया। कहा कि जो भी हुआ वह बेहद गलत हुआ। उन्होंने पीड़ितों से सवाल किया कि दंगे के बाद सरकार ने आर्थिक मदद की जो घोषणा की थी, क्या उस घोषणा के अनुसार दलितों को मुआवजा दिया गया, जिस पर पीड़ित परिवारों ने बताया कि एक दो को छोड़कर किसी अन्य पीड़ित को कोई मुआवजा जिला प्रशासन ने उपलब्ध नहीं कराया है। उन्होंने पीड़ित परिवारों को भरोसा दिलाया कि बसपा पूरी तरह से उनके साथ है।
पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने गांव स्थित आश्रम में आयोजित सभा को भी संबोधित किया। उन्होंने मंच से घोषणा की कि बसपा के अपने पार्टी फंड से पीड़ितों को आर्थिक मदद मुहैया कराई जाएगी। कहा कि जिनके घर जले हैं, उनको पचास हजार रुपये और जिनका कम नुकसान हुआ है, उन्हें 25 हजार रुपये बसपा द्वारा प्रदान किए जाएंगे।
मायावती ने कहा कि जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार आई है, तभी से राज्य में जातीय दंगे हो रहे हैं। यह सरकार कानून व्यवस्था कायम करने में पूरी तरह से फेल हो रही है। जातीय दंगों में दलित और पिछड़ों को निशाना बनाया जा रहा है। राज्य के संभल में भी जातीय दंगा हो चुका है और अब सहारनपुर सुलग रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें सुबह ही सहारनपुर आना था, लेकिन योगी सरकार के इशारे पर सहारनपुर के जिला प्रशासन ने हैलीपेड बनाने की अनुमति नहीं प्रदान की, जिस कारण उन्हें दिल्ली से सड़क मार्ग से सहारनपुर आना पड़ा। उन्होंने कहा कि सड़क मार्ग से आने और अब उनके वापस लौटने पर उनकी जान को खतरा है। वापस लौटते वक्त यदि उन्हें कुछ होता है तो इसके लिए पूरी तरह से प्रदेश की योगी सरकार जिम्मेदार होगी। कहा कि वह जल्दी गांव में आ सकती थी, लेकिन उन पर मामला भड़काने का आरोप न लगे, इसलिए अब शांत वातावरण में आई हूं। कहा कि प्रदेश में दलितों और पिछड़ों के साथ ज्यादती हो रही है। जिस पर योगी सरकार पूरी तरह से साइलेंट है। सहारनपुर में जो हुआ, उस सरकार की चुप्पी इस ओर इशारा करती है कि यह सरकार नहीं चाहती कि प्रदेश में दलितों का विकास हो। दलित पीड़ितों को एक एक लाख रुपये देने की घोषणा की गई थी, लेकिन पांच छह लोगों को ही 25-25 हजार रुपये दिए गए।


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