रक्षा सूत्र में होता है श्रद्धा-भावना की शक्ति का समावेश- शैल दीदी




हरिद्वार। देवसंस्कृति विवि एवं अखिल विश्व गायत्री परिवार के लाखों लोगों ने युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्यश्री के विचार क्रांति अभियान को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से श्रावणी पर्व पर रक्षा सूत्र धारण किये। पूज्य आचार्यश्री की सुपुत्री एवं शांतिकुंज अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैल दीदी ने देश-विदेश से आये एवं आश्रमवासी भाइयों के कलाई में बाँधी तथा बहिनों ने गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या को राखी बाँधीं। उन्होंने सभी को पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं।
इस अवसर पर शांतिकुंज अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैल दीदी ने कहा कि रक्षासूत्र मात्र कच्चा सूत्र होता है, लेकिन इसमें जब श्रद्धा-भावना की शक्ति का समावेश हो जाता है, तो यह सामान्य धागा नहीं रहता। वह इतना मजबूत हो जाता है, जिसे तोड़ना नामुमकिन हो जाता है। अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख एवं देवसंस्कृति विवि के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि क्रोध के सागर को प्रेम के आँसुओं में बदलने की हैसियत कच्चे धागे की रही है। राखी ने अनगिनत शत्रुओं को मित्र बनाकर परस्पर सुख-दुःख झेलने को विवश किया। हमारे सैनिकों की सुरक्षा में जुटे होने के कारण ही हम सुरक्षित हैं। हम सबको भी उन सैनिकों की सुरक्षा के लिए प्रार्थनाएँ करनी चाहिए।
इससे पूर्व शांतिकुंज के मुख्य सभागार में ब्राह्ममुहूर्त में सामूहिक हेमाद्रि संकल्प सम्पन्न हुआ। दसस्नान द्वारा अन्तःकरण पर जमे कषाय-कल्मषों को धोने तथा यज्ञोपवीत परिवर्तन से उसके नवगुणों को पुनः-पुनः धारण करने के लिए संकल्पित हुए। इसका वैदिक कर्मकाण्ड दिनेश पटेल व जितेन्द्र मिश्र ने सम्पन्न कराया। शंातिकुंज की ब्रह्मवादिनी बहिनों ने 27 कुण्डीय यज्ञशाला में गायत्री महायज्ञ में विश्व कल्याण के लिए विशेष वैदिक मंत्रों के साथ यज्ञ सम्पन्न कराया। सायंकाल भव्य दीपमहायज्ञ भी सम्पन्न हुआ। वहीं शांतिकुंज स्थित शिवालय में श्यामबिहारी दुबे ने रुद्राभिषेक करवाया।
वहीं दूसरी ओर श्रावणी पर्व पर लिये गये संकल्प को पालन करते हुए वृक्षागंगा अभियान के तहत उद्यान विभाग प्रभारी सुधीर भारद्वाज व रचनात्मक प्रकोष्ठ के प्रभारी केदार प्रसाद दुबे के नेतृत्व में विभिन्न स्थानों में में पौधारोपण किया गया। वहीं विभिन्न क्षेत्रों से आये लोगों में शांतिकुंज स्थित उद्यान विभाग ने तुलसी, बेल, ऑवला आदि एक हजार से अधिक पौधे निःशुल्क वितरित किये।



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