नवीन चौहान
पूर्व गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद सेक्स स्कैंडल के आरोपों में बुरी तरह फंस चुके है। पीड़िता के संगीन आरोपों के बाद आरोपी चिन्मयानंद की मुश्किले भी बढ़ गई है। वही इस प्रकरण पर भाजपा सरकार ने चुप्पी साध रखी है। केंद्र की मोदी सरकार की ओर से आरोपी चिन्मयानंद के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की गई। पीड़िता इंसाफ के लिए दर—दर भटक रही है। हद तो तब हो गई जब आरोपी चिन्मयानंद के खिलाफ यूपी की योगी सरकार ने मुकदमा तक दर्ज नहीं किया गया। आखिरकार बेटी बचाओं—बेटी पढ़ाओं का नारा देने वाली मोदी सरकार की कथनी और करनी में अंतर साफ दिखलाई पड़ रहा है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सत्ता की कुर्सी पर काबिज होते ही बेटियों की सुरक्षा का संकल्प किया था। जिसके चलते योगी सरकार के निर्देशों पर तमाम मजनूओं के खिलाफ मुहिम शुरू की गई। युवतियों से छेड़खानी करने वाले युवकों को खोज—खोज कर उनके होश ठिकाने लगाए गए। वही पीड़ित युवतियों की शिकायत पर आरोपी युवकों के खिलाफ मुकदमे तक दर्ज किए गए। योगी सरकार के इस कदम की पूरे देश में सराहना की गई। जनता को सुरक्षा का वातावरण मिलने की उम्मीद जगी। उसी योगी सरकार में एक सनसनीखेज प्रकरण ने भाजपा सरकार की नीतियों पर ही सवाल उठा दिया है। जहां भाजपा से जुड़े एक संत स्वामी चिन्मयानंद पर उनके ही कॉलेज की एक छात्रा ने गंभीर आरोप लगाते हुए सबूत पेश किए। पीड़िता का आरोप है कि चिन्मयानंद छात्राओं का शोषण करता है। छात्राओं को ब्लैकमेल करके उनकी इज्जत से खिलबाड़ करता है। पीड़िता ने एक हिडन कैमरे की मदद से कैद किया हुआ एक वीडियो भी सार्वजनिक किया। जिसके बाद मानों यूपी की योगी सरकार को सांप सूंघ गया। पीड़िता इंसाफ की गुहार लगाती रही। लेकिन आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नही हुई। संत समाज से जुड़े एक सामाजिक व्यक्ति पर इस तरह का घिनौना अपराध अक्षम्य है। लेकिन भाजपा सरकार की ओर से लगातार इस प्रकरण से किनारा किया जा रहा है। हालांकि चिन्मयानंद के वकील इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इस प्रकरण को साजिश करार दे रहे है। जबकि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भाजपा सरकार की चुप्पी पर सवाल खड़े कर रही है। लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि युवतियों के केस में तत्काल मुकदमा दर्ज करने के आदेशों की धज्जियां उड़ी हुई है। हालांकि एसआईटी पूरे प्रकरण की जांच कर रही है। आरोपी चिन्मयानंद से पूर्व में करीब 7 घंटे की पूछताछ की जा चुकी है। देखना होगा कि मोदी सरकार में उनकी पार्टी के संत पर उनकी पार्टी कौन सा कदम उठाती है।