नवीन चौहान
छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी की नजर हरिद्वार के बाद देहरादून के कॉलेज संचालकों पर है। एसआईटी सूत्रों से जानकारी मिली है कि दिसंबर तक हरिद्वार के सभी घोटालेबाज कॉलेजों पर मुकदमा दर्ज कर लिया जायेगा। जिसके बाद देहरादून के कॉलेजों पर एसआईटी शिकंजा कसेगी। देहरादून के कॉलेज संचालकों के घोटालों की फाइल भी बड़ी है। जिसके लिए एसआईटी को भी कड़ी मेहनत करनी होगी। राजनैतिक दबाव से ऊपर उठकर एसआईटी को इन घोटालेबाजों की कुंडली को खंगालना होगा।
हाईकोर्ट के आदेश पर आईपीएस मंजूनाथ टीसी को छात्रवृत्ति घोटाले की जांच पूरी करने के लिए एसआईटी चीफ की जिम्मेदारी दी गई। एसआईटी चीफ मंजूनाथ टीसी ने भी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन किया। एसआईटी प्रमुख मंजूनाथ टीसी के निर्देशों पर एसआईटी की टीम ने घोटाले की जांच को पूरा किया। घोटालेबाज कॉलेजों को चिंहित किया गया। विश्वविद्यालय से कॉलेजों की कुंडली को मंगाया और समाज कल्याण विभाग की फाइलों के रिकार्ड से मिलान कराया। जिसके बाद घोटाले के आरोपों की पुष्टि होने पर आरोपी कॉलेज संचालकों पर मुकदमा दर्ज किया गया। आरोपी संचालकों के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाए गए, जिसके बाद उनके खिलाफ गिरफ्तारी की कार्रवाई अमल में लाई गई। एसआईटी प्रमुख्य मंजूनाथ टीसी के निर्देशों पर एसआईटी की टीम ने करीब एक दर्जन से अधिक कॉलेज संचालकों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा तथा करीब दो दर्जन से अधिक पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। वही दूसरी ओर समाज कल्याण विभाग के तत्कालीन अधिकारियों को भी जेल भेजा गया। एसआईटी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिसंबर तक हरिद्वार के लगभग सभी कॉलेज एसआईटी की विवेचना में होंगे। जिसके बाद एसआईटी का अगला कदम देहरादून के कॉलेजों पर होगा। साल 2020 देहरादून के कॉलेज संचालकों के लिए भारी पड़ेगा।