नवीन चौहान
हरिद्वार। डीएम दीपक रावत के एक हाथ में ताला तो दूसरे हाथ में अनुशासन का डंडा रहता है। कुछ इसी फंडे से वह जनपद की अव्यवस्थाओं को पटरी पर लाने की कवायद में जुटे है। वह कब किसी के सरकारी मेहमान बन जाये इस बात की भनक किसी को नहीं होती है। जिलाधिकारी दीपक रावत गुरूवार को जिला चिकित्सालय के सरकारी मेहमान बन गये। एक महिला के बेटे से कुत्ते के काटने के इंजेक्शन का पैंसा लिये जाने की शिकायत पर जिला चिकित्सालय पहुंचे। वहां पीडित महिला को 160 रूपया वापिस कराया। तथा अस्पताल में इंजेक्शन व आवश्यक दवाईयां खरीदने के लिये एक लाख का बजट चिकित्सा प्रबंधन समिति के खाते से जारी कर दिया।
गुरूवार की सुबह एक महिला इसराना पत्नी साकिर निवासी इंदिरा बस्ती लाल मंदिर कालोनी ज्वालापुर ने जिलाधिकारी दीपक रावत को फोन किया। इसराना ने डीएम को बताया कि उसके बेटे को कुत्ते ने काटा है। वह इंजेक्शन लगवाने जिला चिकित्सालय गई। वहां चिकित्सकों ने इंजेक्शन लगाने की एवज में निशुल्क इंजेक्शन के 160 रूपया ले लिया है। इस शिकायत के मिलते ही जिलाधिकारी दीपक रावत तत्काल एक्शन मोड में आ गये। उन्होंने जिलाचिकित्सालय पहुंचकर अस्पताल में दवाईयों का स्टॉक का निरीक्षण किया। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि 9 इंजेक्शन इमरजेंसी के लिये रखे है। इस पर डीएम दीपक रावत ने अस्पताल प्रशासन पर नाराजगी जाहिर करते हुये पीडित महिला के इंजेक्शन के पैंसे लौटाने का आदेश दिया। जिस पर अस्पताल प्रबंधन ने 160 रूपया महिला को वापिस कर दिया। इसके बाद डीएम ने सभी दवाईयों के स्टॉक की बारीकी से जानकारी ली। उन्होंने तत्काल आवश्यक दवाईयों के लिये एक लाख की बजट जारी किया। डीएम दीपक रावत ने बताया कि जनता को कोई परेशानी नहीं होने दी जायेगी। अस्पताल को बेहतर बनाया जायेगा। जरूरी दवाईयों की कमीं को पूरा किया जायेगा।
अस्पताल प्रशासन को फोन नंबर चस्पा करने के निर्देश
डीएम दीपक रावत ने जिला अस्पताल प्रशासन को सभी चिकित्सकों के मोबाइल नंबर चस्पा करने के निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन का नंबर सबसे पहले और उनका मोबाइल नंबर सबसे नीचे लिखा जाये। ताकि जब शिकायतकर्ता फोन करें तो अस्पताल प्रशासन को पहले करें। जब पीडित की बात अस्पताल प्रशासन से नहीं हो पाये तो पीडित उनसे बात करेंगा। जिसके बाद लापरवाही पाये जाने पर मुकदमा दर्ज कराया जायेगा।