नवीन चौहान
मेहनत की कमाई का सौं का नोट भी खो जाता है तो उसका दर्द कई दिनों तक सताता है। लेकिन आरटीओ के एक कर्मचारी का जिगर देखिए कि करोड़ों की डकैती हो गई और पुलिस को तहरीर तक नही दी गई। इस बात का खुलासा तब हुआ जब देहरादून पुलिस ने अभिमन्यु एकडेमी के मालिक के घर पर पड़ी डकैती के आरोपियों और सूत्रधार को गिरफ्तार किया।
एसएसपी अरूण मोहन जोशी ने देहरादून में अभिमन्यु एकडेमी के मालिक आरपी ईश्वरन, आरटीओ आफिस के कर्मचारी के घर डकैती, बिल्डर राकेश बत्ता और प्रमुख चिकित्सक के आवास पर डकैती के प्रयास की घटना का पर्दाफाश किया। एसएसपी ने बताया कि सैलून संचालक मुजिब्बुर रहमान उर्फ पीरू ही डकैतों के मुखबिर तंत्र के रूप में बड़ा किरदार निभाता था। कई सालों से देहरादून के राजेन्द्र नगर में सैलून की बदौलत अमीर घरानों में पीरू की खासी जान पहचान हो गई। ईश्वरन लूटपाट प्रकरण से पहले पीरू के इस खौफनाक चेहरे से कोई वाकिफ नहीं था। सैलून पर ही बातचीत के दौरान पीरू पूरी जानकारी कर लेता था।
सैलून जाती थी आरटीओ कर्मी की पत्नी
डकैती का शिकार हुए आरटीओ कर्मचारी की पत्नी करीब डेढ़ दशक से सैलून की सेवाएं ले रही थी। परिवार के शाही रहन सहन से लेकर काली कमाई तक पीरू ने पूरी जानकारी जुटाई थी। वहीं, इनकम टैक्स की धरपकड़ में नाम आने के बाद आरपी ईश्वरन के परिवार का पूरा चिट्ठा पीरू ने परिचितों के माध्यम से तैयार किया था।
हालांकि, ईश्वरन ने पीरू से मुलाकात से इनकार किया था। बिल्डर राकेश बत्ता पर भी उसके करीबियों की मदद से पूरा होमवर्क किया गया था। पीरू ने ही बत्ता पर विश्वास जमाने के लिए रायपुर के विधायक उमेश शर्मा काऊ के नाम का प्रयोग करने की सलाह दी थी। डकैतों ने दोनों घटनाओं में बाहर रहने वाले उनके बच्चों की जान का डर दिखाकर पीड़ित परिवाराें को घुटने टेकने को मजबूर किया था।
डकैती के माल का हिस्सेदार
पीरू अपने नेटवर्क की बदौलत डकैती की रकम में बराबर का हिस्सेदार होता था। पुलिस हिरासत में हैदर ने खुलासा किया कि आरटीओ कर्मचारी के घर से मिले कैश में पीरू और उसके साथी फुरकान के हिस्से में भी 23-23 लाख रुपये आए थे। ईश्वरन लूटपाट प्रकरण में पांच-पांच लाख रुपये की हिस्सेदारी मिलने की खबर है।
जाहिर है कि पीरू को सैलून से ज्यादा मुखबिरी का यह काम रास आ रहा था। ऐसे में पीरू के मुखबिर तंत्र में कुछ और लोगों के शामिल होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। एसएसपी अरुण मोहन जोशी का कहना है कि पुलिस तमाम पहलुओं पर काम कर रही है। पहले वांछित लोगाें की गिरफ्तारी और माल की रिकवरी पर फोकस है। अगले चरण में पर्दे के पीछे छिपे चेहरों को भी बेनकाब किया जाएगा।