महिला रिपोर्टर को लोगों ने फेसबुक पर सुनाई खरी—खरी




नवीन चौहान
कवरेज करने गई एक महिला पत्रकार को फेसबुक पर लोगों ने खूब खरी—खरी सुनाई है। इसी के साथ महिला पत्रकार की सोशल मीडिया पर काफी किरकिरी हो रही है। महिला रिपोर्टर बिहार के एक अस्पताल में मरीजों की वास्तविक स्थिति को कवरेज करने गई थी। वहां अस्पताल के बेड पर बीमार बच्चों को देख वह चिकित्सक को उनका चिकित्सीय धर्म याद दिलाने लगी। चिकित्सक की मानवीय संवेदनाओं को झकझोरने लगी। महिला रिपोर्टर ने बड़े ही अजीब-गरीब तरीके से चिकित्सक से बात की। लेकिन जब खबर को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया तो महिला रिपोर्टर को लोगों ने आढ़े हाथों ले लिया। चिकित्सक को परेशान करने के आरोप तक लगाए गए। उनके आईसीयू में पहुंचने को लेकर जनता सवाल करने लगी। महिला पत्रकार चिकित्सक पर चिल्लाती हुई दिखाई। उनका सवाल पूछने का अंदाज ऐसा मानो चिकित्सक कोई सरकारी क्लर्क है। मैडम अंजना जी चिकित्सक को धरती पर भगवान माना जाता है। चिकित्सक कैसा भी हो लेकिन अपने मरीज की जिंदगी को बचाने का हरसंभव प्रयास करता है। ऐसी​ स्थिति में चिकित्सक से इस प्रकार के सवाल पूछ करके आपने पत्रकारिता पर ही सवालिया निशान लगा दिया। आखिरकार सिस्टम को बनाने की जिम्मेदारी सरकार की होती है। चिकित्सक का कार्य इलाज करना होता है। जिसका वह पालन कर रहा है। ये खबर देश की नामी रिपोर्टर अंजना ओउम कश्यप की है।
बिहार के मुजफ्फरपुर बच्चों के बुखार की जद में है। जहां बड़ी संख्या में बच्चे बीमार हो गए है। जहां खुद बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार बच्चों की बीमारी का हाल जानने अस्पताल पहुंचे। वही एक चैनल की महिला रिपोर्टर भी अस्पताल की व्यवस्थाओं को कवरेज करने पहुंची। महिला रिपोर्टर ने अस्पताल के चिकित्सक से बात की। महिला नर्स से बातचीत की। वही कुछ मरीजों से बात की। महिला रिपोर्टर चिकित्सक से एक ही बात पूछती रही कि आप कहां एडजेस्ट करेंगे। बच्चा बीमार है। आप उसे देख नही रहे है। महिला रिपोर्टर ने चिकित्सक को कहा कि आप के पास जगह नही है तो दूसरे अस्पताल में भेज दो। एक बेड पर दो-दो बीमार बच्चे है। चिकित्सक मरीजों को देखने जा रहा है लेकिन महिला रिपोर्टर अंजना चिकित्सक को रोक रही है। महिला रिपोर्टर ने चिकित्सक को कहा कि अगर में माइक ऑन नही करती तो आप मुड़कर नही देखते एक घंटे तक साहब। कोई सुध नही ले रहा है। रिपोर्टर ने चिकित्सक को कहा कि पांच मिनट से तो मैं बच्चे को देख रही थी। कोई नये मरीज को कहां भेज रहे है। चिकित्सक रिपोर्टर से पीछा छुड़ाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन महिला रिपोर्टर अंजना ओउम कश्यप है कि चिकित्सक को उनके पेशे का धर्म सिखाने का प्रयास कर रही है। अब अंजना जी अस्पताल के सिस्टम को समझने की बात करने लगी। महिला रिपोर्टर अंजना पूछती है कि आज कितने बच्चे मरे। आज कितने की मौत हुई। कुल मिलाकर कहा जाए जो अंजना ओउम कश्यप चिकित्सक को तो उनका धर्म सिखाने चली लेकिन पत्रकारिता का धर्म भूल गई। मैडम अंजना जी अगर यही सारे सवाल जो आप चिकित्सक से पूछ रही है वो अगर मुख्यमंत्री जी से पूछती तो शायद पत्रकारिता होती। सीएम साहब सिस्टम की बात आपको आसानी से समझा देते। चिकित्सक तो सिर्फ इलाज कर सकता है। जो आप करने नही दे रही है। इसी बात को लेकर सोशल मीडिया पर आप की किरकिरी हो रही है। फेसबुक पर आपको तमाम लोग नाराज हो गए है। फेसबुक पर प्रगति सिसौधिया लिखती है कि मैडम जी एक काम करते है आपको ही इंचार्ज बना देते है। आप एडजस्ट करा दीजिए।वरूण कुमार लिखते है कि आप चिकित्सक को घेर रही है। इतनी शिददत से नेताओं को घेर कर पूछते। कुछ लोगों ने अंजना ओउम कश्यप पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। ऐसे में सवाल उठता है कि इन आपदा की स्थिति में वास्तविक पत्रकारिता क्या होती है। एक पत्रकार का धर्म क्या होता है। बहुत कुछ सोचने पर विवश करता है।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *