देहरादून और हल्द्वानी में भी रिंग रोड़, हरिद्वार को और क्या मिला जानने के लिए पढि़ये खबर




नवीन चौहान
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हरिद्वार के बाद अब देहरादून और हल्द्वानी में रिंग रोड़ बनाये जाने की आधिकारिक घोषणा कर दी। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने प्रदेश की जनता को बड़ी सौगात दी है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने चंडीघाट पुल पर आयोजित शिलान्यास कार्यक्रम में उत्तराखंड को कई बड़ी सौगातों को मंजूरी दी। उन्होंने उत्तराखंड सरकार के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को कहा कि आप प्रस्ताव लेकर आईये काम हम करायेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का विजन विकास कार्यो को कराना है। इसी के चलते केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और तमाम विधायकों के ओर से दी गई विकास कार्यो की सूची की आधिकारिक मंजूरी देते हुए घोषणाओं की झड़ी लगा दी। इसी के साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपनी दूरदर्शिता भी दिखला दी। बताते चले कि केंद्रीय मंत्री ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रहने के दौरान विकास कार्य कराकर अपनी एक अलग पहचान बनाई। तमाम निष्कय चीजों को उपयोगी बनाने की कुव्वत नितिन गडकरी में है। गुरूवार को आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने उत्तराखंड सरकार को कई बारीकियों का ज्ञान भी दिया।
मेरठ से नजीबाबाद फोरलेन की स्वीकृति में कोटद्वार तक 25 किलोमीटर की रोड़ बनाने की मंजूरी दी।
-गंगा की पवित्रता को बनाने रखने के लिए कोटद्वार सीवरेज की मंजूरी
-कोटद्वार-कालागढ़-रामनगर कंड़ी मार्ग फोरलेन में एनजीटी की अनुमति की जरूरत है। एनजीटी की अनुमति स्वीकृत कराने के बाद इस काम को भी पूरा करा दिया जायेगा।
-कोटद्वार से श्रीनगर आलवेदर रोड़ के बारे में कहा कि दुघडडा से सतपुली द्वारपा सुरंग के मामले में भी जांच कराने के बाद मदद की जायेगी।
-उत्तराखंड में सड़क बनाने का कार्य बहुत महत्वपूर्ण है। उसमें सबसे ज्यादा अड़चने चार धाम मार्ग पर आल वेदर रोड़ बनाने में आई। इस सड़क को बनाने से पहले मुकदमेबाजी हुई। सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी गई। चारधाम में विशेष रूप से बादल फटना और पहाड़ गिरने की समस्या से निजात दिलाने का संकल्प लिया था। जिसके बाद आल वेदर रोड़ का कार्य शुरू कर पाए। आज चाहे कितना भी बादल फटे, पहाड़ गिरे लेकिन बारिश में रास्ता बंद नही होगा। श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा सुगम होगी। करीब 12 हजार करोड़ की लागत से 900 किलोमीटर की सड़क है। 7820 करोड़ की लागत से करीब 590 किलोमीटर 90 योजनाओं पर कार्य चल रहा है। यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बदरीनाथ का मार्ग सुगम होगा। इस रास्ते में 13 बाईपास है 25 पुल है फलाईओवर है और यात्रियों के लिए 18 स्थानों पर ठहरने के लिए सुविधा केंद्र भी बनाये जायेंगे। 154 बस स्टैंड होगे। जहां टायलेट से लेकर रेस्टोरेंट, होटल और तमाम सुविधाए होगी। एनएच-58 में ऋषिकेश से कौडियाला तक चारलेन चौड़ीकरण, 600 मरीन ड्राइव पुल का निर्माण का कार्य भी होगा।



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