नवीन चौहान
हरिद्वार। पतंजलि योगपीठ के स्थापना दिवस पर योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि राम हमारे राष्ट्र का स्वभाव हैं। राम वोट बैंक नहीं हैं। किसी पार्टी का राजनैतिक पार्टी का प्रोपगेंड़ा नहीं हैं। राम हिन्दू व मुसलमानों के पूर्वज हैं।
शनिवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि राम मंदिर निर्माण, राम निर्माण, चरित्र निर्माण बड़े मुद्दे हैं। इसे राजनैतिक दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। राम हमारी अस्मिता और संस्कार हैं। राम कोई मजहबी मुद्दा नहीं है। राम हमारी अस्मिता, आन-बान-शान हैं। राम जैसे हिन्दुओं के पूर्वज है। वैसे ही मुसलमानों के भी पूर्वज हैं। कोर्ट का कोई मुद्दा नहीं है। जिस प्रकार से हम भूमि अधिग्रहण कर एयरपोर्ट आदि बनाते हैं तो भूमि प्रकार से अधिग्रहण कर राम मंदिर क्यों नहीं बनाया जा सकता। कहाकि यह दुर्भाय की बात है कि राम मंदिर के लिए भी हमें कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। कहाकि जिस प्रकार से हम एयरपोर्ट, सड़क आदि बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण करते हैं। वैसे ही भूमि अधिग्रहण कर मंदिर बनाया जा सकता है। सरकार भूमि अधिग्रहण कर जनता को सौंप दे, जनता स्वंय मंदिर बना लेगी। कहा कि संसद में राम मंदिर निर्माण के लिए बिल लाने पर भी कोई भी राजनैतिक दल इसका विरोध नहीं करेगा। हां इतना जरूर है कि कुछ दल राजनैतिक लाभ-हानि के लिए संसद से वॉक ऑउट अवश्य कर जाएं। राफेल मुद्दे पर कुछ बोलने से कतराते हुए उन्होंने कहाकि मोदी जी की नीयत, राष्ट्रभक्ति और कार्यशैली पर कोई संदेह नहीं है। अप्रत्याक्ष रूप से उन्होंने चुनावों में भाजपा के समर्थन की बात कही। वर्ष 2019 में चुनावों में समर्थन पर बाबा ने कहा कि राजनीति राष्ट्र का एक हिस्सा है किन्तु राजनीति राष्ट्र नहीं है।
कहाकि स्थापना दिवस के अवसर पर वह कोई राजनैतिक बयानबाजी नहीं करेंगे। उनका मुख्य उद्देश्य वर्तमान में शिक्षा का उत्थान है। जिसमें मैकाले की शिक्षा पद्वति के स्थान पर वैदिक और सनातनी शिक्षा को जिससे भारत में श्रेष्ठ मानव का निर्माण हो।
नसरूद्दीन शाह को नाम लिए बगैर एक सवाल के जवाब में बाबा रामदेव ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे सहिष्णु देश में से एक है। यहां मुसलमान पूरी तरह से सुरक्षित हैं। कुछ लोग अनर्गल बयानबाजी देकर देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।