हिमानी
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा उस समय से अस्तित्व में आ गया जब इस विश्वविद्यालय को पहला कुलपति मिल गया। प्रदेश सरकार द्वारा प्रोफेसर एनएस भंडारी को इस विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया। अभी तक यह कुमाऊं विश्वविद्यालय के परिसर के रूप में स्थापित था, इस कदम से सीमांत जनपद जैसे बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत के छात्रों को सुविधा मिलेगी और इनको नैनीताल के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, अल्मोड़ा शहर के लिये यह एक बड़ी उपलब्धि होगी और यहां विकास के नए रास्ते अल्मोड़ा के लिये खुलेंगे, साथ ही इस कदम के बाद नौकरियां भी आएंगी और कई बेरोजगार नौकरी पा सकेंगे।
पिछले साल जून में प्रदेश सरकार की और से उच्च शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ धन सिंह रावत ने इस नए विश्वविद्यालय की अधिसूचना तैयार करी थी और आज इसपर कुलपति की तैनाती से विश्वविद्यालय में गतिविधियों का शुरू होना संभव है। कुलपति बनाए गए एनएस भंडारी कुमाऊं विश्विद्यालय से ही उच्च शिक्षा ग्रहण कर चुके है और अल्मोड़ा परिसर में ही रसायन शास्त्र के प्रोफेसर रह चुके हैं। अल्मोड़ा के लिये ये भी अच्छी बात है कि शहर और माहौल को जानने वाले पहले कुलपति इस शहर को मिला है।