नवीन चौहान,
हरिद्वार। उत्तराखंड सरकार की बेरूखी से आहत हरिद्वार के निजी स्कूल अनिश्चितकाल के लिये हड़ताल पर चले गये है। निजी स्कूलों का तर्क है कि वह सरकार के अंग है और शिक्षा व्यवस्था को बेहतर तरीके से संचालित कर छात्रों के भविष्य निर्माण का कार्य करते है। लेकिन उत्तराखंड की सरकार निजी स्कूलों को लुटेरा साबित करने पर तुली है। निजी स्कूलों पर मनमर्जी के फैसले थोप रही है। जबकि सरकार को निजी स्कूलों के लिये कोई भी नीति बनाने से पहले निजी स्कूलों की राय को जान लेकर सहमति बना लेनी चाहिये। फिलहाल स्कूलों में एडमिशन प्रक्रिया और टीसी काटने का कार्य जारी रहेगा। जबकि शिक्षण कार्य पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इसी संबंध में कनखल के जगजीतपुर के शिवडेल स्कूल में स्कूल संचालकों और प्रबंधकों की बैठक हुई। बैठक में सर्वसम्मति से निजी स्कूलों का बंद रखने पर सहमति बनाई गई है।
रविवार को शिवडेल स्कूल के प्रबंधक स्वामी शरदपुरी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुये संयुक्त विद्यालय प्रबंधन समिति के प्रदेश महामंत्री राम गोपाल गुप्ता ने कहा कि निजी स्कूल एनसीआरटी पाठयक्रम का विरोध नही कर रहे है। वह निजी स्कूलों में एनसीआरटी की बुक से शिक्षण कार्य कराने को तैयार है लेकिन विद्यालय की गुणवत्ता के लिये सहायक पुस्तकों की अनिवार्यता की जानी जरूरी है। इसके अलावा आरटीई के तहत होने वाले छात्रों के एडमिशन का भुगतान भी किया जाये। कई सालों से लाखों रूपया सरकार ने निजी स्कूलों को नहीं दिया है। जिसके चलते स्कूलों को संचालित करने में आर्थिक संकट उत्पन्न हो रहा है। इसके अलावा सरकार से मांग की गई कि निजी स्कूलों के खिलाफ कोई भी कानून पारित करने से पूर्व निजी स्कूलों के साथ मीटिंग कर एक राय बना ली जाये। बैठक में महामंत्री अमित चौहान, कोषाध्यक्ष विजय लक्ष्मी, कृष्ण कुमार चौहान, किरण शर्मा, उमा पांडे, पीसी पुरोहित, सिन्हा, दूबे, माला चौहान सहित कई कमेटी के सदस्य उपस्थित रहे।